योगी ने की थी सन 2020 में 23 करोड़ के घपले में कार्रवाईकानपुर की ईओडब्ल्यू शाखा में अब तक लंबित हैं दो जांच -89 कॉलेज एवं चार कर्मचारियों पर दर्ज हुई थ
यूपी शिक्षा विभाग के तीन अधिकारी और दिव्यांग कल्याण विभाग का एक बड़ा अधिकारी जांच में फंसने क्या लगा, एसआईटी की जांच ही थम सी गई है। 100 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति के फर्जीवाड़े की जांच में तीन अफसरों और रसूख वाले दो कालेजों के चेयरमैन-प्रबन्धक का नाम सामने आया था।
लखनऊ, विधि संवाददाता। निजी शिक्षण संस्थानों में संचालित होम्योपैथिक फार्मेसी फार्मासिस्ट पाठ्यक्रम में छात्रवृत्ति
दूसरे राज्यों के शिक्षण संस्थान संचालक भी आरोपी बनाए गए। इस बीच वर्ष 2022 से ईडी ने भी इस घपले में शामिल शिक्षण संस्थानों और सरकारी अफसरों को नोटिस भेजने शुरू किए।
उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में पुलिस जांच के बाद ईडी ने भी धनशोधन अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई शुरू की। ईडी ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के संस्थानों को नोटिस भेजा था।
फर्रुखाबाद के कालेज चेयरमैन को एसआईटी रिमांड पर लेगी। छात्रवृत्ति घोटाले में कई पर शिकंजा कसेगा। एसआईटी के पास चेयरमैन व अन्य के खिलाफ कई पुख्ता सुबूत हैं। हजरतगंज कोतवाली में भी मुकदमा दर्ज हुआ था।
Scam in Scholarship: झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के दिव्यांग छात्रों के नाम पर छात्रवृति घोटाले का खुलासा हुआ है। गिरफ्तारी के डर से एक कर्मचारी ने राज उगल दिए। उसकी बातों से अफसर भी हैरान रह गए।
देश के 21 राज्यों के 1572 शिक्षण संस्थानों से जुड़े अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला मामले की सीबीआई जांच में 830 संस्थान फर्जी या अक्रियाशील पाए गए हैं। इनकी हकीकत परखने के लिए बिहार समेत देशभर के फर्जी
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की तरफ से देशभर के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में बड़े स्तर पर घोटाला सामने आया है। देश के 21 राज्यों के 1572 शिक्षण संस्थानों में इसका जाल फ
उत्तर प्रदेश में मदरसों और अल्पसंख्यक कॉलेजों में छात्रवृत्ति घोटाले की थर्ड पार्टी से रैंडम जांच में बड़े गड़बड़झाले का खुलासा हुआ है। यह घोटाला एक हजार करोड़ का है।
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घपले में उत्तराखंड के 12 संस्थान रडार पर आ गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यक निदेशालय को इसकी जानकारी दी गई है। इनमें बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। सीबीआई पूछताछ कर सकती है।
छात्रवृत्ति घोटाले में कॉलेज प्रबन्धकों की गिरफ्तारी के बाद अब एसआईटी ने फर्जी दस्तावेजों से खुले बैंक खातों की पड़ताल करना शुरू कर दिया है। इन खातों में एक से डेढ़ लाख रुपए छात्रवृत्ति आई थी।
34 राज्यों के 100 जिलों में पूछताछ की गई। जांच किए गए 1572 संस्थानों में से 830 को धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल पाया गया है। यहां दिलचस्प बात ये है कि ताजा आंकड़े 34 में से केवल 21 राज्यों के हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने बुधवार को हरदोई के 2 कॉलेज मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों को एसआईटी ने बुधवार को बुलाया था। दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई।
छात्रवृत्ति घोटाले में फंस रहे नौ कालेजों के मालिक का साथ देने वाले उनके कर्मचारी भी फंसेंगे। जिनके खिलाफ सीधे साक्ष्य मिलेंगे, उन पर कार्रवाई होगी। एसआईटी की पहली रिपोर्ट तैयार है।
जांच में इसकी पुष्टि हो गई है कि हाईजिया समूह के संचालकों ने ही इन सभी कालेजों के साथ साठगांठ कर करोड़ों का घोटाला किया है। दोनों प्रिंसिपलों के खिलाफ कुछ साक्ष्यों से जुड़े तथ्य जुटाये जा रहे हैँ।
प्रदेश और केन्द्र सरकार की योजना के तहत कमजोर श्रेणी के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के फर्जीवाड़े में हाईजिया एजुकेशन ग्रुप ने खूब दिमाग लगाया। इसका खुलासा रिमांड पर हुआ है।
यूपी में 45 करोड़ छात्रवृत्ति के घोटाले में चार संस्थानों के मैनेजर और प्रिंसिपल एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए हैं। कई खुलासे हुए हैं। दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
हाइजिया समूह की बेनामी संपत्तियां जब्त होंगी। ईडी की छापेमारी में ता चला है कि छात्रवृत्ति घोटाले की रकम से बेनामी संपत्तियां खरीदी गई हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों से पूछताछ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सरकारी अफसरों की संलिप्तता का भी पता चला है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को छात्रवृत्ति घोटाले के तीन आरोपियों इजहार हुसैन जाफरी, अली अब्बास जाफरी और रवि प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की पांच दिन की कस्टडी भी ले ली है।
बिहार में प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है। सूबे में उन छात्रों ने भी आवेदन किया है जिनका न तो कहीं नामांकन है और कुछ ऐसे स्कूल से भी फॉर्म आए हैं जो कहीं नहीं हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले पर सीएम योगी ने एक्शन लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू को दे दी है। इसके साथ ही दो रजिस्ट्रार को निलंबित करते हुए तीन पर एफआईआर की गई है। राशि की वसूली का भी निर्देश दिया है।
समाज कल्याण विभाग से जारी छात्रवृत्ति की राशि में शिक्षा माफिया ने घोटाला किया और नियम विरुद्ध छात्रवृत्ति का आवंटन कराया। विभागीय ऑडिट में सच सामने आया तो मालूम चला कि महज आठ संस्थानों ने लगभग 75 लाख रुपये का घपला किया है।
केंद्र ने 5.5 करोड़ रुपये के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति घोटाले के संबंध में जदयू के एक पूर्व नेता सहित तीन सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इस...
कोरोना काल में मेधावियों के वजीफे का इंतजार खत्म नहीं हो रहा। दो प्रमुख छात्रवृत्तियों के आवेदन शुरू नहीं होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को भविष्य की चिंता सता रही है। राजकीय, सहायता...
उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा परीक्षा परिणाम छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड न किए जाने से वित्तीय वर्ष 2021-22 में पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से वंचित होना पड़ सकता...
समाजवादी छात्र सभा ने बुधवार को छात्रवृत्ति के आवेदन की अंतिम तिथि को विस्तारित करने की मांग की। छात्र सभा के प्रतिनिधिमंडल ने समाज कल्याण अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए छात्रों के भविष्य को ध्यान में...
नवम्बर के आखिरी दिन छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की आस लगाए छात्रों की उम्मीदों को झटका लगा। सात हजार से ज्यादा छात्रों के बैंक खातों में धनराशि नहीं पहुंची। समाज कल्याण विभाग ने पहले ही घोषणा कर...
छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे सैकड़ों छात्राें के लिए राहत भरी खबर। पडरौना के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लालमन ने बताया कि राज्य अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसा, विद्यालय, आईटीआई,...