गिरफ्तारी के डर से कर्मचारी ने उगल दिए राज, दिव्यांगों की छात्रवृति में बड़े घोटाले का खुलासा
Scam in Scholarship: झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के दिव्यांग छात्रों के नाम पर छात्रवृति घोटाले का खुलासा हुआ है। गिरफ्तारी के डर से एक कर्मचारी ने राज उगल दिए। उसकी बातों से अफसर भी हैरान रह गए।
Scholarship Scam: छात्रवृत्ति घोटाला में एसआईटी की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सख्ती बढ़ने पर कार्रवाई के दायरे में आये एक कालेज के कर्मचारी ने गिरफ्तारी के डर से कई राज उगल दिए। उसने बताया कि यूपी के अलावा बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 40 से अधिक दिव्यांग छात्रों के दस्तावेज लगाकर भी छात्रवृत्ति हड़पी गई है।
आठ महीने पहले दर्ज हुई एफआईआर के आधार पर चल रही जांच में यह बात पहली बार सामने आयी है। इसके बाद ही एसआईटी की ओर से दो टीमें आनन फानन पश्चिम बंगाल और बिहार रवाना कर दी गई है। इनके साथ विवेचक को भी भेजा गया है। अब तक कार्रवाई से बचे हुये लखनऊ के दो कालेजों के चेयरमैन-मालिक व अन्य कर्मियों पर जल्दी ही गाज गिरने का दावा किया जा रहा है। इस घोटाले की जांच ईडी भी कर रही है।
अगस्त में इस मामले में जेसीपी कानून-व्यवस्था उपेन्द्र कुमार अग्रवाल के नेतृत्व वाली एसआईटी ने तीन आरोपितों हरदोई के जेपी इंटर कालेज के प्रबन्धक विवेक कुमार, नोडल अधिकारी यशवंत कनौजिया व आरपी इंटर कालेज की प्रबन्धक पूनम वर्मा के भाई अभिनव कनौजिया को गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने हाईजिया ग्रुप के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता व संचालक जाफरी बंधुओं की गिरफ्तारी की थी। इस मामले में 30 मार्च को हजरतगंज कोतवाली में दर्ज एफआईआर में 10 कालेजों के 18 लोग नामजद किये गये थे। विवेचक को पता चला कि कई कालेजों में दिव्यांग छात्रों के नाम की छात्रवृत्ति में ही बड़ा खेल किया गया था। 45 करोड़ रुपये की पुष्टि पहले ही हो चुकी है।
इन दिव्यांगों को पता ही नहीं, खेल हो गया
बाहरी प्रदेशों के जिन दिव्यांगों से दस्तावेज लिये गये, उन्हें पता ही नहीं चला कि उनके दस्तावेजों से उनका एडमिश्न यूपी के इन कालेजों में कराया गया। इतना ही नहीं उनका प्रवेश दिखाकर लाखों की छात्रवृत्ति हड़प ली गई है। जेसीपी ने बताया कि अब विवेचकों के लौटने के बाद सामने आये तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
टीम भी रह गई हैरान
विवेचक ने जब बयान ले लिये,फिर प्रगति का ब्योरा तैयार किया जाने लगा तो लखनऊ के दो कालेज,फर्रुखाबाद के एक कालेज के कुछ और लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के सुबूत मिले। इस पर एसएस इंस्टीटयूट व हाइजिया ग्रुप से जुड़े एक संस्थान के कर्मचारियों के बयान लेने को कहा गया। जब बयान शुरू हुये तो एक कर्मचारी ने गिरफ्तारी के डर से राज खोलना शुरू किया तो एसआईटी के सदस्य हैरान रह गये। पहली बार यह खुलासा किया कि सिर्फ यूपी नहीं बल्कि इन लोगों ने बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल तक से दिव्यांग छात्रों के दस्तावेज मंगवा लिये। इनका एडमिशन अपने कालेजों में दिखाकर छात्रवृत्ति हड़प ली।