छात्रवृत्ति घोटाले में हरदोई के 2 कॉलेज मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार, दो घंटे पूछताछ
छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने बुधवार को हरदोई के 2 कॉलेज मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों को एसआईटी ने बुधवार को बुलाया था। दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई।
छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने बुधवार को हरदोई के जगदीश प्रसाद वर्मा इंटर कॉलेज (जेपी वर्मा इंटर कॉलेज) के प्रबन्धक (मालिक) विवेक कुमार, यहां के नोडल अफसर यशवन्त कनौजिया और आरपी इंटर कॉलेज की प्रबन्धक पूनम वर्मा के भाई अभिनव कनौजिया को गिरफ्तार कर लिया। इन तीनों को एसआईटी ने बुधवार को बुलाया था। दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई।
इससे पहले इन आरोपितों से अलग-अलग समय में एसआईटी तीन बार पूछताछ कर चुकी थी। एसआईटी ने तीनों को हजरतगंज पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने इन्हें कोर्ट में पेश किया जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया। इस घोटाले में अब छह लोग जेल जा चुके हैं। अभी कई और पर कार्रवाई होनी है। जांच में अब तक 65 करोड़ का घोटाला होने की पुष्टि हो चुकी है। हजरतगंज थाने के कार्यवाहक इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि 65 करोड़ के घोटाले की पुष्टि होने पर तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।
बहन को प्रबन्धक बनाया, खुद करता रहा संचालन
एसआईटी को साक्ष्य मिले कि हरदोई के बहरा सौदागार, पूर्वी निवासी अभिनव कनौजिया ने आरपी इंटर कॉलेज खोला और यहां अपनी बहन पूनम वर्मा को प्रबन्धक बनाया पर सारा संचालन खुद करता रहा। उसने छात्रवृत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए। हाईजिया ग्रुप के जाफरी बंधुओं के साथ मिलीभगत कर फर्जीवाड़ा किया। उसकी बहन जांच में निर्दोष मिली। उसे अभिनव की इस करतूत की कोई जानकारी नहीं थी।
नोडल अफसर ने अपने कॉलेज की आईडी दी
एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया कि जेपी वर्मा इंटर कॉलेज के नोडल अधिकारी दुबग्गा, प्रगति विहार निवासी यशवन्त कनौजिया ने ईडी द्वारा गिरफ्तार हाईजिया ग्रुप के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता से मिलकर बैंक खाते खोले। उसने ही रवि को अपने कॉलेज की लॉगिंग आईडी व पासवर्ड दिया था। बुधवार को इस बारे में कई सवालों के जवाब भी वह एसआईटी के सामने नहीं दे सका। इसी जेपी वर्मा कॉलेज के प्रबन्धक हरदोई के कासिमपुर, गौसगंज निवासी विवेक कुमार ने फर्जी दस्तावेज से यह घोटाला किया।
ईडी ने तीन लोगों को किया था पहले गिरफ्तार
ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है। ईडी ने पूरे घोटाले के सूत्रधार हाईजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के संचालक इजहार हुसैन जाफरी, इसके भाई अली अब्बास जाफरी और कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार किया था। इनको रिमाण्ड पर लेकर एसआईटी ने भी पूछताछ की थी। एक आरोपी लकी जाफरी को स्वास्थ्य खराब होने पर अग्रिम जमानत दी जा चुकी है।
30 मार्च को दर्ज हुई थी एफआईआर
हजरतगंज कोतवाली में 30 मार्च को एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने 10 संस्थानों के चेयरमैन, प्रिंसिपल व कर्मचारियों समेत 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसकी जांच जेसीपी कानून-व्यवस्था उपेन्द्र कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी कर रही है। हरदोई के तीन कॉलेज डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी, आरपी इंटर कॉलेज, ज्ञानवती इंटर कॉलेज, जगदीश प्रसाद वर्मा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और फर्रुखाबाद के डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नॉलॉजी के मालिक, प्रबन्धक, कर्मचारियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले थे।
दिव्यांग छात्रों के नाम पर हड़पी गई रकम
एसआईटी की जांच में इस बात के साक्ष्य मिले कि सामान्य कोटे के 30 प्रतिशत और दिव्यांग कोटे के 34 प्रतिशत छात्रों का फर्जी एडमिशन दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पी गई। इसके अलावा कई खाते नाबालिग व बुजुर्गों के भी पता चले, जिसमें छात्रवृत्ति की रकम गई जबकि ये लोग छात्रवृत्ति की पात्रता श्रेणी में ही नहीं आते थे। कई ऐसे खाताधारक निकले जिन्हें पता ही नहीं था कि उनके नाम बैंक में खाता भी खोला गया है। अधिकतर खाते एक ही ई-मेल आईडी पर थे।