छात्रवृत्ति घोटाला: फर्जी दस्तावेजों से खुले बैंक खातों की पड़ताल कर रही SIT, चौकाने वाले खुलासे
छात्रवृत्ति घोटाले में कॉलेज प्रबन्धकों की गिरफ्तारी के बाद अब एसआईटी ने फर्जी दस्तावेजों से खुले बैंक खातों की पड़ताल करना शुरू कर दिया है। इन खातों में एक से डेढ़ लाख रुपए छात्रवृत्ति आई थी।
छात्रवृत्ति घोटाले में कॉलेज प्रबन्धकों की गिरफ्तारी के बाद अब एसआईटी ने फर्जी दस्तावेजों से खुले बैंक खातों की पड़ताल करना शुरू कर दिया है। इन खातों में एक से डेढ़ लाख रुपए छात्रवृत्ति आई थी। इन्हें एटीएम के जरिये अलग अलग समय में निकाला गया था। यह खाते फिनो पेमेंट बैंक समेत तीन बैंकों में खुले थे। इन बैंकों के प्रबन्धक से दो चक्र पूछताछ की जा चुकी है। दावा किया जा रहा है कि कुछ तथ्यों की पड़ताल के बाद बैंक अफसरों व कर्मचारियों की भूमिका देखी जाएगी।
कई कालेजों के प्रबन्धक ने अपने कर्मचारियों की मदद से खाते खुलवाए थे। इनमें फर्जी दस्तावेज लगाए गए थे। जांच में यह भी पता चला था कि यहां जिन छात्रों को दिव्यांग बताया गया था, उनके हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से कर्मचारियों ने ही कर दिए थे। ये कर्मचारी और प्रबन्धक ही इस खाते के एटीएम का इस्तेमाल करते थे। 30 मार्च को हजरतगंज कोतवाली में दर्ज हुई एफआईआर में 18 प्रबन्धक व कर्मचारियों को नामजद करने के अलावा फिनो पेमेंट बैंक को नामजद किया गया था। पड़ताल में सामने आया था कि दो और बैंक में फर्जी दस्तावेज से खाते खोले गये थे।
हाईजिया समूह की शह पर खुलते गए खाते
बैंकों में हाईजिया समूह के संचालक व मुख्य भूमिका में रहने वाला यहां का कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता अपने प्रभाव से खाते खुलवाता रहा। बैंक कर्मचारियों ने भी बिना पड़ताल के दर्जनों खाते खोल डाले। यह भी नहीं देखा कि अधिकांश खातों में ही एक ही आईडी का इस्तेमाल किया गया है। एसआईटी ने बैंक प्रबन्धकों से कई दस्तावेज एक-दो दिन में उपलब्ध कराने को कहा है।