छात्रवृत्ति घोटाला: CBI जांच में बिहार समेत देश के 350 संस्थान निकले फर्जी
देश के 21 राज्यों के 1572 शिक्षण संस्थानों से जुड़े अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला मामले की सीबीआई जांच में 830 संस्थान फर्जी या अक्रियाशील पाए गए हैं। इनकी हकीकत परखने के लिए बिहार समेत देशभर के फर्जी
देश के 21 राज्यों के 1572 शिक्षण संस्थानों से जुड़े अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला मामले की सीबीआई जांच में 830 संस्थान फर्जी या अक्रियाशील पाए गए हैं। इनकी हकीकत परखने के लिए बिहार समेत देशभर के फर्जी 350 संस्थानों का सैंपल निरीक्षण एनसीएईआर (नेशनल कॉउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक्स रिसर्च) की टीम से पिछले वर्ष कराया गया था। सीबीआई की दर्ज एफआईआर में भी इस जांच और इसकी रिपोर्ट का विस्तृत उल्लेख है। इसमें बिहार के दो जिलों मधुबनी और सीतामढ़ी के दो संस्थानों का जिक्र है।
एनसीएईआर ने बाद में 21 राज्यों के 166 जिलों में मौजूद 744 स्कूलों की भी रैंडम जांच की। ये स्कूल तो कागज पर मौजूद थे, लेकिन इनमें छात्रवृत्ति पाने वाले 59 फीसदी आवेदक या छात्र फर्जी पाए गए। इसमें 65 स्कूल ऐसे पाए गए, जो अक्रियाशील थे।
बिहार के मामले की जांच अलग से करके भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ऐसे संस्थानों के नाम पर फर्जी तरीके से अल्पसंख्यक छात्रों की सूची तैयार कर छात्रवृत्ति निकाल ली गई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने भी अपने स्तर से भी 269 शिक्षण संस्थानों की जांच सैंपल के तौर पर कराई थी।
इन संस्थानों में तैयार फर्जी छात्रों की सूची संस्थान की आंतरिक कमेटी, जिलास्तरीय और फिर राज्यस्तरीय कमेटी से सत्यापित कराने के बाद ही इसे केंद्रीय मंत्रालय के पास भेजी जाती थी। छात्रवृत्ति की यह राशि सीधे छात्रों के खाते में भेजी जाती थी। कई फर्जी छात्रों के बैंक खाते भी खोले गए हैं। इसमें बैंक अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। छात्रवृत्ति का यह फर्जीवाड़ा पोस्ट मैट्रिक और प्री-मैट्रिक दोनों स्तर के छात्रों के मामले में किया गया है।
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