न स्कूल है न ही नामांकन, स्कॉलरशिप के लिए कैसे कर रहे आवेदन,बिहार में छात्रवृत्ति के लिए चल रहा फर्जीवाड़ा
बिहार में प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है। सूबे में उन छात्रों ने भी आवेदन किया है जिनका न तो कहीं नामांकन है और कुछ ऐसे स्कूल से भी फॉर्म आए हैं जो कहीं नहीं हैं।
बिहार में प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कहीं पर स्कूल में छात्र नामांकित नहीं और छात्रवृत्ति का आवेदन भरा गया तो कहीं छात्रवृत्ति शुल्क से अधिक ली गयी है और कई स्कूल जों अस्तित्व में हैं ही नहीं, उनसे भी छात्रवृत्ति के आवेदन भरे गए हैं। ये गड़बड़ियां नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और बेगम हजरत महल नेशनल स्कॉलरशिप में सामने आई हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलों को पत्र लिख कर इसकी जांच करने को कहा गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आए आवेदनों की सीबीआई जांच के दौरान स्कूलों की कई गड़बड़ियां सामने आई हैं।
मैट्रिक पास होने और उससे पहले अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा कई तरह की छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्र द्वारा दिए गए तमाम कागजात की जांच स्कूल स्तर पर की जाती है। स्कूल प्राचार्य द्वारा जांच और सत्यापन के बाद ही छात्र को छात्रवृत्ति मिलती है लेकिन सैकड़ों स्कूलों द्वारा यह सत्यापन नहीं किया गया है। इसको लेकर सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च विद्यालय के प्राचार्य को पत्र लिखा गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार आवेदन की गड़बड़ियां सभी जिलों में है। राज्य भर से लगभग दस हजार ऐसे आवेदन जमा हुए हैं, जिसमें अलग-अलग गड़बड़ियां पकड़ में आयी हैं। गोपालगंज, मधेपुरा, पूर्वी चंपारण ऐसे जिले हैं जहां पर वो स्कूल है नहीं और छात्रवृत्ति के लिए आवेदन भरा गया है। ऐसे स्कूल को चिह्नित किया गया है। अभी डीईओ के माध्यम से स्कूल से जवाब मांगा गया है।
पटना के डीईओ अमित कुमार ने बताया कि सभी स्कूलों को पत्र भेजा गया है। सभी छात्रों का सत्यापन करने को कहा गया है। छात्रवृत्ति के लिए दिये गये आवेदनों का स्कूल द्वारा सत्यापन करना आवश्यक है। कई तरह की गड़बड़ियों की जानकारी प्राप्त हुई है।