प्रयागराज में शपथ से पहले नवनिर्वाचित महापौर को सरकारी वाहन देने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। परंपरा के अनुसार शपथ लेने के बाद महापौर को नगर निगम की ओर से सरकारी वाहन दिया जाता है।
निकाय चुनाव 2023 के पहले चरण के तहत गुरुवार को प्रदेश के 37 जिलों में मतदान होना है। कल पहले चरण के लिए मतदान थमने के बाद से विभिन्न दलों के स्टार प्रचारकों ने अब दूसरे चरण में ताकत झोंक दी है।
पार्टी नेताओं और सांसद-विधायकों के मनाने के बावजूद बगावती तेवर न छोड़ने वालों पर अब भाजपा सख्ती दिखाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई का मन बनाया है।
यूपी निकाय चुनाव में आरक्षण का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस बार फिरोजाबाद नगर निगम के मेयर पद की आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक मई को इस पर सुनवाई होगी।
शनिवार को प्रदेश माफिया कुख्यात सुनील राठी की पत्नी दीपावली टीकरी नगर पंचायत से अध्यक्ष पद पर नामाकंन करने पहुंची। इससे माहौल गरमा गया। पीठासीन अधिकारी ने उनका नामाकंन जमा नहीं किया।
निकाय चुनाव को लेकर नामांकन चल रहे हैं आम आदमी, कांग्रेस और निर्दलीय सहित प्रत्याशियों ने नामांकन शुरू कर दिये हैं। मगर भाजपा और सपा व बसपा के प्रत्याशी इंतजार कर रहे हैं।
मथुरा में स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में श्यामसुंदर उपाध्याय बिट्टू को टिकट मिलना साल 2006 में हुए चुनाव की याद दिला गया। उस समय भी कांग्रेस से चेयरमैन पद के लिए दो दावेदारों ने
प्रयागराज में निकाय चुनाव में मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच हुई। पार्षद पद के 40 पर्चे खारिज हो गए हैं। पार्षद के लिए कुल 1030 नामांकन दाखिल हुए थे, जिसमें वैध प्रत्याशी 990 पाए गए हैं।
यूपी निकाय चुनाव के लिए पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया सोमवार को खत्म हो गई। इसके थमते ही टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में विरोध के सुर उठ रहे हैं। आरोप है कि कांग्रेस ने सपा के आगे सरेंडर कर दिया है।
यूपी में चुनाव या लोकसभा, विधानसभा का हो या नगर निकाय के चुनाव हों अब सोशल मीडिया के जरिए अब ऑनलाइन मतदाताओं को आकर्षित करना और उपलब्धियां और वादे गिनाना चुनावों के लिए प्रमुख हथियार बन गया है।
उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के प्रथम चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया के चौथे दिन शुक्रवार को वाराणसी में मेयर पद के लिए पहला नामांकन दाखिल किया गया। शहनाज किन्नर उर्फ शमशेर खान ने पर्चा भरा।
यूपी निकाय चुनाव की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने प्रयागराज से महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया। बाकी दलों में ऊहापोह की स्थिति है।
चुनावी मौसम और शादियों का मौसम दोनों एक ही समय पर आ रहे हैं। कई सामान और सेवाएं जैसे रसोइया, कैटरर्स, पार्टी प्लॉट, वाहन, मंडप सेवा, वीडियोग्राफर, इन सबकी आम तौर पर चुनाव और शादियों में मांग होती है।
प्रदेश के नगर निगम वाले क्षेत्रों में आरक्षित वर्गों से कहीं अधिक सामान्य वर्ग की आबादी है। लखनऊ और कानपुर की बात करें तो इन दोनों शहरों में सामान्य जाति की आबादी 68 फीसदी है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने सभी पुलिस कमिश्नरों, जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि दो लाख रुपये से अधिक बगैर पुख्ता दस्तावेज के पाए जाने पर उक्त राशि जब्त कर ली जाए।
नगरीय निकाय चुनाव में धनबल के बेजा इस्तेमाल को रोकने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्ती बढ़ा दी है। दो लाख रुपये से अधिक कैश बगैर दस्तावेज के पाए जाने पर राशि जब्त कर कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों से जहां निष्पक्षता, कर्तव्य निष्ठा, पारदर्शिता, शुचिता और समयबद्धता के पंचसूत्रों के पालन की अपेक्षा की गई है वहीं उम्मीदवारों के लिए भी कई नियम हैं।
यूपी में निकाय चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। दो चरणों में चुनाव होना है। सभी राजनीतिक पार्टियां, खासकर भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस निकाय चुनाव में जीत के लिए रणनीति बनाने में जुट गई हैं।
निकाय चुनाव की डुगडुगी बजने के साथ ही भाजपा सरकार और संगठन ने अपने मंत्रियों को भी चुनावी तैयारियों में लग जाने को कहा है। CM ने मंत्रियों से कहा कि वे रिश्तेदारों के लिए टिकट का दबाव न बनाएं।
पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पूर्वांचल के नगरीय निकायों में OBC आबादी सबसे ज्यादा 42.19 फीसदी है, जबकि मध्य UP के नगर निकायों में सबसे कम 27.55%, वेस्ट UP में 37.53% है।
नगर विकास विभाग ने नगर निगम मेयर की 17, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की 199 और नगर पंचायत अध्यक्ष की 544 सीटों के आरक्षण की अंतिम अधिसूचना रविवार को जारी कर दी है।
17 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों यानि कुल 760 नगर निकायों के दो चरणों में मतदान कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले और दूसरे चरण में क्रमश: नौ-नौ मंडल में चुनाव होंगे।
यूपी निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। निर्वाचन आयोग ने रविवार को निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 760 नगर निकायों में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। 13 मई को रिजल्ट आएगा।
शहरी निकाय चुनाव के लिए मेयर व अध्यक्ष के साथ वार्ड आरक्षण पर आई आपत्तियों के निस्तारण का काम शनिवार की देर रात लगभग पूरा कर लिया गया है। एक से दो फ़ीसदी तक बदलाव संभव है।
यूपी निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने तैयारियों तेज कर दी हैं। मतदाताओं के बीच पैठ बढ़ाने को सामाजिक समीकरण दुरुस्त करने को पार्टी प्रभावी मतदाता सम्मेलन करने जा रही है।
समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण पर अपनी आपत्ति स्थानीय निकाय निदेशालय में दी है। इसमें कहा गया है कि आरक्षित वर्ग को तय कोटे से कम सीटें दी गई हैं। कई जिलों का विवरण भी दिया गया है।
यूपी में निकाय चुनाव एक बार फिर टलने की आशंका जताई जा रही है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ओबीसी आयोग की पूरी रिपोर्ट तलब की है। इस रिपोर्ट के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए याचिका दायर की गई है।
उत्तर प्रदेश में 8 अप्रैल के बाद कभी भी नगरीय निकाय की आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना के साथ विस्तृत चुनाव कार्यक्रम जारी करने की तैयारी में है।
महापौर का पद ओबीसी श्रेणी में आने के बाद सपा और रालोद में दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। दोनों पार्टी निकाय चुनाव को गठबंधन के साथ लड़ने की तो बात कह रही हैं ।
उत्तर प्रदेश में इस बार के नगरीय निकाय चुनाव में कुल 17 नगर निगमों में से कानपुर शहर व लखनऊ नगर निगमों के चुनाव सबसे बड़े होंगे। इन दोनों में भी लखनऊ नगर निगम का चुनाव सबसे बड़ा होगा।