जिस वार्ड में रहते हैं जिले के अधिकारी वहां भी समस्याओं का अम्बार
Santkabir-nagar News - खलीलाबाद नगर पालिका के बड़गों वार्ड में विकास की कमी से लोग परेशान हैं। यहां सड़कें और नालियां नहीं बनीं हैं, जिससे बारिश में स्थिति और खराब हो जाती है। ट्रांसफार्मर की सुरक्षा भी खतरे में है। वार्ड...
हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। नगर पालिका खलीलाबाद के प्रमुख वीआईपी मोहल्लो में शामिल बड़गों वार्ड भी बदहाली का दंश झेल रहा है। मोहल्ला गांव से शहर बन गया, यहां सिविल लाइन एरिया भी विकसित हो गया। कलेक्ट्रेट, विकास भवन, पुलिस ऑफिस, जनपद न्यायालय , जिला अस्पताल के साथ ही डीएम, एडीएम सहित सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों का आवास इसी वार्ड में है। लेकिन उसके बाद भी विकास से अछूता है। अधिकारियों के आवास और कार्यालय क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो अन्य जगह गांव से भी बद्दतर स्थिति है। जनपद का प्रमुख सेंटर वार्ड नंबर छह बड़गो है। इस वार्ड में छह हजार से अधिक की आबादी निवास करती है। पहले यह गांव हुआ करता था। लेकिन नपा के विस्तार में इसे नगरपालिका में शामिल कर लिया गया। नपा में शामिल होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि यहां का अब तेजी से विकास होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। विकास की एक भी किरण यहां तक नहीं पहुंच पाई है । यह नई तहसील भवन से लेकर कलेक्ट्रेट, विकास भवन से नगवा गांव के सीवान व जिलाधिकारी आवास की बाउंड्री से लेकर ओनिया गांव के तालाब तक वार्ड फैला हुआ है। । इस मोहल्ले में सभी जाति और वर्ग के लोग रहते हैं। तमाम नए मकान भी बन रहे हैं। बिना मानक के तैयार कॉलोनियों में रास्ते तक की सुविधा ठीक ढंग से नहीं है। वार्ड के जिला अस्पताल के बाहर नाले की दशा इतनी खराब है कि उसे देख लगता है जैसे कभी सफाई ही नहीं होती है।
बारिश के दिनों में तो हालत यह हो जाती है कि महिलाओं व बच्चों को घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। सड़को पर नाली के गंदे पानी जमा रहते हैं। इसी से होकर लोगों को गुजरना पड़ता है, न तो नाली बनी है नही ही सड़क। सब लोग उखड़ी गिट्टी और कच्चे रास्ते से होकर गुजरते हैं। हर दिन वाहन चालक यहां पर गिरते रहते हैं। पैदल भी लोग किसी तरह से चलते हैं। वार्ड में चार पोखरे हैं। लेकिन नाली का पानी इसमें जा सके इसके लिए कोई व्यवस्था तक नहीं है। कुछ लोग तो मजबूरी में गांव में घर रहने के बावजूद खेत में मकान बनवा रहे हैं। शहर में होने के बावजूद ग्रामीण फीडर की बिजली लोगों को मिल रही है और शिड्यूल भी ग्रामीण ही है। सड़क के बगल में पोखरा है। यह भी गंदगी से पटा हुआ है। कुछ पोखरों में तो जलकुंभी है। पोखरे की सफाई नहीं होने की वजह से उससे दुर्गंध उठ रही है। इसके प्रदूषण से भूमिगत जल भी प्रभावित हो रहा है। यहां की समस्या से लोग परेशान हैं।
दुर्घटना को दावत दे रहा ट्रांसफार्मर
बड़गों मोहल्ला व उसके बाहर विद्युत आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। ट्रांसफार्मर पूरी तरह से खुले में है। मोहल्ले के बच्चे यहां पर खेलते हैं। सुरक्षा के लिए बाड़ न होने से कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। वार्डवासियों की तरफ से विद्युत विभाग को कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गर्मी के दिनों में इससे होने वाली शार्ट सर्किट से फसलों को भी क्षति पहुंचने की आशंका हमेशा बनी रहती है।
सड़क के किनारे नहीं बनी नाली
मोहल्ले में बनाई गई सड़क के किनारे नालियां तक नहीं बनाई गई हैं। नालियां न बनने से यहां पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। लोग स्वयं के संसाधनों से नाली बनाए हैं, लेकिन पानी गिरने के लिए कोई निश्चित स्थान न होने से सड़क पर पानी पसरा रहता है। आए दिन नाली के पानी को लेकर लोगों में कहासुनी होती रहती है। हर कोई अपने दरवाजे पर नाली के पानी को रोक देता है। जिससे लेागों को इसी से होकर गुजरना पड़ रहा है। वहीं कुछ लोग जहां पर खाली जमीन है उसी में पानी को गिरा रहे हैं, लेकिन जब वहां पर भी निर्माण हो जाएगा तो बड़ी समस्या होगी।
सड़क बन जाती तो मिलती राहत
जिला न्यायालय की बाउंड्री से होकर गुजरने वाली सड़क पर सिर्फ गिट्टी बिखरी हुई है। इस सड़क से सूखे मौसम में जाना आसान रहता है लेकिन बारिश होने के बाद लोगों का आना जाना मुश्किल हो जाता है । महिलाओं व बच्चों को सबसे अधिक परेशानी होती है। हर दिन लोग फिसल कर गिरते रहते हैं। कई बार तो जहां लोग गिरते हैं वहां के मकान मालिक से नोकझोक भी होती है। इतना ही नही मारपीट की भी नौबत आ जाती है।
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