यूपी निकाय चुनावः आरक्षित वर्ग को तय कोटे से कम दी गईं सीटें, सपा ने दर्ज कराई आपत्ति
समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण पर अपनी आपत्ति स्थानीय निकाय निदेशालय में दी है। इसमें कहा गया है कि आरक्षित वर्ग को तय कोटे से कम सीटें दी गई हैं। कई जिलों का विवरण भी दिया गया है।
समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण पर अपनी आपत्ति स्थानीय निकाय निदेशालय में दी है। इसमें कहा गया है कि आरक्षित वर्ग को तय कोटे से कम सीटें दी गई हैं। कई जिलों का विवरण भी दिया गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कुल 544 सीटों में बलरामपुर, कानपुर नगर, ललितपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने यह आपत्ति दी है।
इसमें कहा गया है कि अमेठी, अमरोहा, बलरामपुर, बिजनौर, चंदौली, गाजियाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, रामपुर, श्रावस्ती, वाराणसी जिले में नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों में एक भी पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं किया गया है।
बलरामपुर, चित्रकूट, इटावा, हापुड़, कानपुर नगर, ललितपुर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं हुई। आपत्ति में कहा गया है कि नियमानुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन कई जिलों में कम दिया गया है।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के कुल पद 199 में अनुसूचित जनजाति को एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद में बस्ती व देवीपाटन मंडल में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है।
नगर निगम मेयर पद के लिए कुल 17 पदों में अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 3.57 सीटें आरक्षित होनी चाहिए, जबकि घोषित आरक्षण में केवल दो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है। अनुमन्य आरक्षण के अनुपात में 1.57 सीटे कम आरक्षित की गई हैं। अनुसूचित जाति को 11 फीसदी आरक्षण दिया गया है।
इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार मेयर की 17 सीटों में 4.59 सीटे आरक्षित होनी चाहिए, जबकि घोषित आरक्षण में केवल चार सीटें ही ओबीसी को मिली हैं। अनुमन्य आरक्षण के अनुपात में 0.59 सीटें कम आरक्षित की गई हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो मेयर सीटों के आरक्षण में ओबीसी को 23 फीसदी ही आरक्षण दिया गया है।
आपत्ति में कहा गया है कि नगर पंचायत अध्यक्षों के कुल 544 पदों में अनुसूचित जाति के लिए 84 सीटें आरक्षित है। अनुसूचित जाति की महिलाओं का आरक्षण नियमावली के विपरीत अधिक 61 पद आरक्षित कर 75 फीसदी भागीदारी दी गई है, जबकि अनुसूचित जाति पुरुष के लिए 23 पद आरक्षित कर मात्र 27 फीसदी ही लाभ दिया गया है।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए 199 पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति को 24 सीटें आरक्षित है, जिसमें अनुसूचित जाति महिलाओ को आरक्षण नियमावली के विपरीत 16 पद आरक्षित कर 66 फीसदी भागीदारी दी है, जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होनी चाहिए।
नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के कुल पद 544 के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 147 पद आरक्षित किए गए है, जिसके सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 76 पद आरक्षित कर 51 फीसदी भागीदारी दी है और अन्य पिछड़ा वर्ग पुरुष के 71 पद आरक्षित है, जोकि 48 फीसदी होता है।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए 199 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 53 सीटें आरक्षित की गई हैं जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग महिलाओं को आरक्षण नियमावली के विपरीत 23 पद आरक्षित कर 56 फीसदी भागीदारी दी गई, जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होना चाहिए। आपत्तियां देने वालों में केके श्रीवास्तव, सर्वेश अंबेडकर, डा. हरिश्चंद्र सिंह, राधेश्याम सिंह शामिल थे।