यूपी निकाय चुनावः सपा के आगे कांग्रेस का सरेंडर? कांग्रेसियों का फूटा गुस्सा, कई ने दिया इस्तीफा
यूपी निकाय चुनाव के लिए पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया सोमवार को खत्म हो गई। इसके थमते ही टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में विरोध के सुर उठ रहे हैं। आरोप है कि कांग्रेस ने सपा के आगे सरेंडर कर दिया है।
यूपी निकाय चुनाव के लिए पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया सोमवार को खत्म हो गई। इसके थमते ही टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में विरोध के सुर उठ रहे हैं। आरोप है कि कांग्रेस ने सपा के आगे सरेंडर कर दिया है। कई निकायों में कांग्रेस ने प्रत्याशी ही नहीं उतारे हैं। पूर्व शहर अध्यक्ष ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है, जबकि अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष, युवा कांग्रेस के नगर अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस में जिला महासचिव, उपाध्यक्ष और प्रवक्ता रहे काशिफ खां ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। राष्ट्रीय सचिव को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार कमेंट बाजी हो रही है।
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खान ने सोशल मीडिया पर जारी विरोध में राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर पर रामपुर में कांग्रेस को खत्म करने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रीय सचिव के जिले में कांग्रेस को छह निकायों में प्रत्याशी ही नहीं मिले। राष्ट्रीय सचिव की विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत केमरी में भी कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतार सकी है। यह शर्मनाक है।
शहर में जिताऊ नेता टिकट मांग रहे थे, लेकिन नेतृत्व से गलत निर्णय कराकर यहां कांग्रेस का अंत कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई चुनावों में सौदेबाजी कर कांग्रेस का वोट बैंक सपा की झोली में डाला जा रहा है।
कांग्रेस की हालत इस बार सबसे बदतर होने जा रही है। पिछले 60 सालों में इससे बुरा प्रदर्शन नहीं रहा होगा। काशिफ़ ख़ान ने शायराना अंदाज़ में कटाक्ष किया है कि दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से, इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से।
अब भाजपा को चुनाव लड़ाने वाले उठाएंगे सवाल : संजय
रामपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर ने कहा है कि जो लोग भाजपा का चुनाव लड़ाते हैं, अब वे हम पर सवाल उठाएंगे? उन्होंने कहा कि टिकट कई लोग मांगते हैं, लेकिन मिलता किसी एक को ही है। ऐसे में व्यक्तिगत हित के लिए लोग निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं। मामून शाह या जो लोग कांग्रेस छोड़कर गए हैं, उसका हमें भी दुख है।
हां, वे लोग हमारा विरोध करें या कुछ कहें तो उस पर हम टीका टिप्पणी करेंगे। जो लोग खुलकर भाजपा का चुनाव लड़ाते रहे हों, पार्टी से निष्कासित किए जा चुके हों। मौसम की तरह चार-चार ड्रेस बदलने वाले सोशल मीडिया पर कुछ भी कहें, उसका जवाब देना हम उचित नहीं समझते। वे इस लायक नहीं हैं कि उन के सवाल पर हम कोई जवाब दें।