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यूपी निकाय चुनाव में इन पंचसूत्रों का पालन अनिवार्य, जानें उम्‍मीदवारी के सामान्‍य नियम

चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों से जहां निष्‍पक्षता, कर्तव्‍य निष्‍ठा, पारदर्शिता, शुचिता और समयबद्धता के पंचसूत्रों के पालन की अपेक्षा की गई है वहीं उम्‍मीदवारों के लिए भी कई नियम हैं।

Ajay Singh लाइव हिन्‍दुस्‍तान , लखनऊTue, 11 April 2023 01:53 PM
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UP Nikay Chunav: यूपी में होने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद की सीटों के लिए होने जा रहे इन चुनावों के मद्देनज़र विस्‍तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इनके तहत चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों से जहां निष्‍पक्षता, कर्तव्‍य निष्‍ठा, पारदर्शिता, शुचिता और समयबद्धता के पंचसूत्रों के अनिवार्य रूप से पालन की अपेक्षा की गई है वहीं उम्‍मीदवारों के लिए भी चुनाव लड़ने के कुछ नियम बनाए गए हैं। तो आइए जानते हैं क्‍या हैं ये नियम-

कौन लड़ सकता है निकाय चुनाव-
-नगरीय निकायों के अध्‍यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए नाम निर्देशन के समय न्‍यूनतम आयु 30 वर्ष और सदस्‍य पद के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है। 
-कोई व्‍यक्ति जिस नगर निकाय की निर्वाचक नामावली में पंजीकृत है उस नगर निकाय से अध्‍यक्ष पद की उम्‍मीवारी का दावा प्रस्‍तुत कर सकता है। इसके साथ ही सदस्‍य पद का भी उम्‍मीदवार हो सकता है। 
-कोई भी उम्‍मीदवार एक से अधिक लेकिन दो से अनधिक वार्डों से लड़ सकता है। 
-प्रत्‍याशी जिस वार्ड या क्षेत्र से नामांकन कर रहा है प्रस्‍तावक उसी वार्ड या क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए। यह अनिवार्य है। अध्‍यक्ष पद का प्रस्‍तावक सम्‍बन्धित नगर निकाय के किसी भी वार्ड से हो सकता है। 
-अनारक्षित वर्ग में जन्‍मी महिला अनारक्षित वर्ग में ही रहेगी। आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जाति/ अन्‍य पिछड़ा वर्ग) के पुरुष से विवाह कर लेने या आरक्षित वर्ग द्वारा गोद लिए जाने से उसे आरक्षण का लाभ प्राप्‍त नहीं होगा। इसी प्रकार आरक्षित वर्ग में जन्‍मी महिला अनारक्षित वर्ग के पुरुष से विवाह कर लेने अथवा अनारक्षित वर्ग द्वारा गोद लिए जाने पर भी जिस आरक्षित वर्ग में जन्‍मी है उस आरक्षित वर्ग के आरक्षण का लाभ प्राप्‍त कर सकेगी। 

प्रस्‍तावक के बारे में नियम 
-कोई मतदाता एक ही पद के दो उम्‍मीदवारों का प्रस्‍तावक नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में पहले अभ्‍यर्थी का नामांकन ही मान्‍य होगा। 
-पारिवारिक सदस्‍य किसी उम्‍मीदवार का प्रस्‍तावक हो सकता है। 
-अलग-अलग पदों के उम्‍मीदवार एक-दूसरे के प्रस्‍तावक हो सकते हैं। 
-पति-पत्‍नी एक-दूसरे के प्रस्‍तावक हो सकते हैं। 
-कोई व्‍यक्ति एक से अधिक पदों के उम्‍मीदवारों का प्रस्‍तावक हो सकता है। 
-यदि कोई उम्‍मीदवार दो पदों का चुनाव लड़ता है तो एह ही व्‍यक्ति प्रस्‍तावक हो सकता है। 
-समान पद के उम्‍मीदवार एक-दूसरे के प्रस्‍तावक नहीं हो सकते। 
-नाम निर्देशन पत्रों को प्रत्‍याशी स्‍वयं या प्रस्‍तावक प्रस्‍तुत कर सकता है। 

धारा-43 क क अध्‍यक्ष पद के लिए अर्हताएं
-कोई व्‍यक्ति किसी नगर पालिका का अध्‍यक्ष चुने जाने के अर्ह न होगा जब कि वह-
(क) सम्‍बन्धित नगरपालिका क्षेत्र में किसी कक्ष का निर्वाचक न हो, और 
(ख) नाम-निर्देशन की तारीख पर 30 वर्ष की आयु पूरी न कर चुका हो, 

(2) कोई भी व्‍यक्ति किसी नगर पालिका का अध्‍यक्ष चुने जाने या होने के लिए अनर्ह होगा यदि वह-

(क) धारा 13 घर के (क) से (छ) तक और (छ) से (ट) तक में उल्‍ल‍िखित, किसी अर्नहता के कारण अनर्ह हा या हो गया हो और ऐसी अनर्हता उक्‍त धारा के अधीन न तो समाप्‍त हुई हो और न हटाई गई हो। 


धारा-13-ग-सदस्‍य पद के निर्वाचन के लिए अर्हताएं- कोई व्‍यक्ति सदस्‍य के रूप में चुने जाने और रहने के लिए अर्ह नहीं होगा यदि-

(क) वह नगर पालिका में किसी कक्ष के लिए निर्वाचक न हो
(ख) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और स्त्रियों के लिए आरक्षित किसी स्‍थान की दशा में, वह यथास्थिति, उक्‍त श्रेणी का व्‍यक्ति न हो, 
(ग) उसने 21 वर्ष की आयु न प्राप्‍त कर ली हो, 

सदस्‍य पद की उम्‍मीदवारी हेतु अर्नताएं 
कोई व्‍यक्ति नगर पालिका परिषद/ नगर पंचायत के सदस्‍य पद पर निर्वाचित होने के लिए उत्‍तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा-13-घ और अध्‍यक्ष पद पर निर्वाचित होने के लिए उक्‍त अधिनियम की धारा-43 क क (2) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अनर्ह होगा। 

उम्‍मीदवारी के लिए इन कारणों से ठहराया जा सकता है अयोग्‍य

1-वह दिवालिया हो। 
2-वह नगर निकाय या उसके नियंत्रण में कोई लाभ का पद धारण करता हो। 
3-वह राज्‍य सरकार/ केंद्रीय सरकार/ स्‍थानीय प्राधिकारी की सेवा में हो या जिला सरकार काउन्सिल/ अपर या सहायक जिला सरकारी काउन्सिल/ अवैतनिक मजिस्‍ट्रेट/ अवैतनिक मुंसिफ/ अवैतनिक सहायक कलेक्‍टर हो। 
4-व‍ह किसी प्राधिकारी के आदेश द्वारा विधि व्‍यवसायी के रूप में काम करने से रोका गया हो। 
5-वह किसी स्‍थानीय प्राधिकारी का पद से हटाया गया सेवक हो और जिसे फिर से सेवायोजन के लिए विवर्जित किया गया हो। 
6-भारत सरकार/ राज्‍य सरकार के अधीन ग्रहण किए गए किसी पद से भ्रष्‍टाचार या राजद्रोह के कारण पदच्‍युत हुआ हो और पदच्‍युत होने की तारीख से छह वर्ष की अवधि समाप्‍त न हो गई हो।
7-उसे किसी न्‍यायालय द्वारा इन अधिनियमों में उल्‍लिखित किसी अपराध के लिए दोषी पाया गया हो या सदाचार बनाए रखने के लिए पाबंद किया गया हो और पांच वर्ष की अवधि समाप्‍त न हो गई हो। 
8-उत्‍तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-16 के अंतर्गत महापौर पद से हटाया गया हो अथवा उत्‍तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा-40 (3) के अंतर्गत सदस्‍य पद से हटाया गया हो और हटाए जाने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि समाप्‍त न हो गई हो अथवा धारा-48 (2) के खंड (क) या खंड (ख) (vi), (vii) या (viii) के अंतर्गत अध्‍यक्ष पद से हटाए जाने की दशा में अपने हटाए जाने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक अध्‍यक्ष या सदस्‍य के रूप में पुनर्निर्वाचन का पात्र नहीं होगा। 
9-वह नगर निकाय को देय किसी कर का एक वर्ष से अधिक अवधि के बकाए का देनदार हो। 
10-उत्‍तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-80 और 83 के अधीन अथवा उत्‍तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा-27 व 41 के अधीन अनर्ह हो। 

किन्‍नर के लिए नामांकन के नियम
-पंचायत और नगरीय निकायों के निर्वाचन में किन्‍नर अपनी इच्‍छानुसार पुरुष अथवा महिला की श्रेणी में नामांकन कर सकता है। वह महिला अथवा पुरुष की श्रेणी में उम्‍मीदवार हो सकता है। 

ये नहीं लड़ सकते चुनाव 
-आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ सहायिका, आशा बहू, किसान मित्र, शिक्षा मित्र, ग्राम रोजगार सेवक आदि नगरीय निकायों के निर्वाचन में उम्‍मीदवार नहीं हो सकते। 
होमगार्ड के चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है। 

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