रामपुर के कांग्रेस नेता मामून शाह खान को उम्मीद थी कि इस बार वो नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव लड़ेंगे। लेकिन इस पद को इस बार महिला आरक्षित हो गया। ऐसे में वो शादी करके पत्नी को चुनाव लड़वाएंगे।
चुनावी मौसम और शादियों का मौसम दोनों एक ही समय पर आ रहे हैं। कई सामान और सेवाएं जैसे रसोइया, कैटरर्स, पार्टी प्लॉट, वाहन, मंडप सेवा, वीडियोग्राफर, इन सबकी आम तौर पर चुनाव और शादियों में मांग होती है।
एक तरफ यूपी निकाय चुनाव का ऐलान हो गया है। तैयारियां हो रही हैं। नगर पंचायतों में भी चुनाव को लेकर गहमागहमी है तो दूसरी तरफ संतकरीबर नगर के मगहर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यूपी नगर निकाय चुनाव में इस बार मतदाताओं को वोट डालने के लिए 11 घंटे का समय मिलेगा। कोरोना और गर्मी को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान का समय डेढ़ घंटे बढ़ा दिया है।
बरेली के फतेहगंज पश्चिमी निवासी सपा के पूर्व सभासद एवं स्मैक तस्कर शाहिद उर्फ कल्लू डॉन ने पुलिस को चकमा देकर मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके साथ ही उसने कोर्ट में जमानत अर्जी भी लगाई है।
बरेली में मेयर पद के और 80 वार्डों में पार्षद पद के लिए चुनाव होगा। इसके साथ ही नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी प्रत्याशी बनने को लेकर हलचल तेज हो गई है।
सपा का मानना है कि चुनाव में उसका भाजपा से सीधा मुकाबला है। ऐसे में सीटों पर ओबीसी आरक्षण को लेकर उसने जहां विसंगतियों को उजागर कर चुनाव आयोग से शिकायत की। वहीं प्रत्याशी चयन के लिए पैनल मांग लिए हैं।
यूपी में होने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव में इस बार बदले हुए सियासी हालात में मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा व मुख्य विपक्षी दल सपा के बीच होने के आसार हैं। हालांकि बसपा ने भी अपनी जोरदार तैयारी शुरु की है।
उत्तर प्रदेश शहरी निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने की तैयारियां तेज हो गई है।माना जा रहा है नगर विकास विभाग रविवार या सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग को निकाय चुनाव कराने का कार्यक्रम सौंप सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग पिछले साल अगस्त में महापौर, पार्षद, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के अध्यक्ष व सदस्य के पदों के चुनाव खर्च की सीमा बढ़ा दी है।
यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर निर्देश बुधवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने निकाय चुनाव की तैयारियों के बाबत हुई बैठक में अधिकारियों को दिए गए। इस दौरान अलग-अलग जिलों से अपडेट भी लिए गए।
बीजेपी ने अपनी यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में कई कार्ययोजनाओं की घोषणा की और सभी के लिए बजट बताया। इन योजनाओं के जरिए बीजेपी नगर निकाय चुनाव के वोट बैंक साधने में फायदा ले सकती है।
यूपी सरकार ने निकाय चुनाव की अधिसूचना अप्रैल में ही जारी करने की तैयारियों को और तेज कर दिया है। सीटों और वार्डों के आरक्षण पर आने वाली आपत्तियों को निस्तारित करने के लिए एक अलग सेल बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश में होने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव के लिए तैयार की गई नई वोटर लिस्ट के जिलेवार आंकड़े शनिवार पहली अप्रैल को जारी होंगे। वोटर लिस्ट में करीब 80 से 90 लाख के बीच वोटर बढ़ने की उम्मीद है।
यूपी नगर निकाय चुनाव के सहारे भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों की बिसात बिछाएगी। जनाधार और बढ़ाने को नगर निगमों के साथ ही पहले से अधिक नगर पालिका व नगर पंचायतें जीतने का लक्ष्य रखा गया है।
शाहजहांपुर नगर निगम की घोषणा होने के बाद यहां पहली बार मेयर का चुनाव होगा। दिसंबर में जारी हुई आरक्षण लिस्ट इस बार बदल गई है। शाहजहांपुर नगर निगम में महिला कैंडीडेट को मौका दिया गया है।
यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए मेयर और अध्यक्ष की कुल 760 सीटों के आरक्षण की अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी गई। अधिसूचना के मुताबिक अयोध्या के महापौर की सीट इस बार अनारक्षित किया गया है।
आगरा में मेयर पद की सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। बता दें कि आरक्षण का मामला कोर्ट में जाने से पहले भी आगरा की मेयर की सीट को एससी महिला के लिए रिजर्व रखा था।
प्रयागराज में महापौर की सीट की सीट सामान्य कर दी गई है। बता दें कि पिछले साल पांच दिसंबर को जारी अधिसूचना में यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी।
नए फार्मूले से मेयर और अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण से बड़ा उलटफेर हुआ है। मेयर की 17 में 11 सीटों का आरक्षण पिछली बार की अपेक्षा पूरी तरह से बदल गया है। आरक्षण का फार्मूला पूरी तरह से बदल दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नए सिरे से सीटों के आरक्षण में बड़ा उल्टफेर हुआ है। राज्य सरकार द्वारा 5 दिसंबर 2022 और नए आरक्षण में काफी हद तक बदल गया है। मेयर की 17 सीटों में 11 सीटों में बदलाव हुआ है।
यूपी में निकाय चुनाव आरक्षण सूची जारी हो गई। नगर निगम को पहले की तरह राज्य स्तर पर आरक्षित किया गया है। नगर परिषद को पहली बार मंडल स्तर और नगर पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था जिले स्तर पर की गई है।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग ने अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप चुका है।
यूपी में निकाय चुनाव की तैयारियां चल रहीं हैं, लेकिन मतदाता सूची में तीन लाख से ज्यादा डुप्लीकेट वोटर पूरे सिस्टम को परेशान कर रहे हैं। हर वार्ड में एक मतदाता के आठ से लेकर 10 जगह नाम हैं।
नगर विकास विभाग द्वारा लखनऊ और शाजहांपुर मेयर की सीटों के आरक्षण पर आई सर्वाधिक आपत्तियां भी सवालों के घेरे में हैं। लखनऊ और शाहजहांपुर के प्रस्तावित आरक्षण पर सबसे ज्यादा आपत्तियां थीं।
यूपी में निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में चक्रानुक्रम व्यवस्था है। इसमें एक वर्ग को बार-बार आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता लेकिन मेयर, अध्यक्ष की सीटों में पिछड़ा वर्ग आयोग ने खामियों पर इशारा किया।
आयोग ने ट्रिपिल टेस्ट के आधार पर ओबीसी सर्वे रिपोर्ट कैबिनेट को सौंप दी है। इसके बाद ही नगर निगम चुनाव में सरगर्मी फिर से बढ़ने लगी है। नए आरक्षण के चलते राजनीतिक दलों को तैयारी नए सिरे से करनी होगी।
ओबीसी सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट सौंपे जाने और योगी सरकार कैबिनेट में मंजूरी के बाद निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। सियासी दलों ने पहले से कमर कस ली है। भाजपा जहां वोटर लिस्ट पर फोकस कर रही है।
केशव प्रसाद मौर्या ने बयान देते हुए कहा है कि नगर निकाय चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के साथ संपन्न होंगे। कैबिनेट बैठक से पहले उन्होंने नगर निकाय चुनाव पर भाजपा, यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए बताया।
उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने मंडलवार बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। आयोग ने लखनऊ मंडल के साथ पहली बैठक की।