अप्रैल में हो सकते हैं यूपी नगर निकाय चुनाव, भाजपा समेत इन राजनीतिक दलों ने तेज की तैयारियां
ओबीसी सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट सौंपे जाने और योगी सरकार कैबिनेट में मंजूरी के बाद निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। सियासी दलों ने पहले से कमर कस ली है। भाजपा जहां वोटर लिस्ट पर फोकस कर रही है।
ओबीसी सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट सौंपे जाने और योगी सरकार कैबिनेट में मंजूरी के बाद निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। सियासी दलों ने पहले से कमर कस ली है। भाजपा जहां वोटर लिस्ट पर फोकस कर रही है, वहीं बसपा उम्मीदवारों के चयन पर मंथन जारी है। सपा कई दौर की बैठकें कर चुकी है तो कांग्रेस ने भी पदाधिकारियों को सक्रिय कर दिया है।
भाजपा मतदाता सूची पर फोकस करेगी
भाजपा ने यूं तो निकाय चुनाव की तैयारी काफी पहले शुरू कर दी थी। हाल ही में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटने के निर्देश दे चुके हैं। गत दिनों सीएम आवास पर हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी निकाय चुनावों को लेकर चर्चा की गई थी। पार्टी पहले ही प्रभारी और संयोजक भी नियुक्त कर चुकी है। अब पार्टी का फोकस छूटे हुए वोटरों को मतदाता सूची में शामिल कराने पर होगा।
सपा पटखनी देने की बना रही रणनीति
समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले निकाय चुनाव में भाजपा को पटखनी देने में जुटेगी। निकाय चुनाव की तैयारियों के लिए जिलाध्यक्षों और विधायकों को प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के आधार पर कई जिलों में बैठकें भी हो चुकी हैं। पार्टी की नज़र अब आयोग की रिपोर्ट पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरक्षण की जो स्थिति होगी पार्टी उसी आधार पर रणनीति तय करेगी। सपा मुखिया अखिलेश यादव चाहते हैं कि निकाय चुनाव में इस बार पिछली बार की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन हो।
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बसपा में उम्मीदवारों के चयन में आएगी तेजी
बसपा में उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार किया जा चुका है। पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सर्वे रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद बसपा में उम्मीदवारों के चयन में तेजी आएगी। इस संबंध में मुख्य सेक्टर प्रभारियों को जल्द ही निर्देश जारी होंगे। बसपा निकाय चुनाव जोरदार ढंग से लड़ने की तैयारी में है। खासकर मेयर की सीटों पर उसका सबसे अधिक ध्यान है। वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में बसपा मेयर की दो सीटें जीतने में सफल रही थी। बसपा सुप्रीमो इसीलिए चाहती हैं कि इस बार मेयर की पिछली बार की अपेक्षा अधिक सीटें जीते।
चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस अभी पीछे
तैयारियों के मामले में कांग्रेस पिछड़ती दिखाई दे रही है। आरक्षण विवाद में चुनाव टलने पर तैयारियों के लिए मौका मिलने के बाद भी पार्टी इस मोर्चे पर सक्रिय होती नहीं दिखी। निकाय चुनाव की तैयारियों में पीछे होने की एक वजह यह भी है कि अभी तक प्रदेश कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा ही तैयार नहीं हो पाया है। प्रदेश कार्यकारिणी का गठन न हो पाने और लगभग दर्जन भर जिलों में जिला कमेटी ही न होने से पार्टी कार्यकर्ता मायूस हैं। पार्टी ने निकायों में प्रत्याशियों के चयन की भी कोई प्रक्रिया नहीं तय की है।