आयोग ने एक महीने में जिलों से मांगी ओबीसी की आबादी का डेटा, लखनऊ मंडल के साथ की पहली बैठक
उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने मंडलवार बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। आयोग ने लखनऊ मंडल के साथ पहली बैठक की।
उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने मंडलवार बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। आयोग ने लखनऊ मंडल के साथ पहली बैठक की। इसमें जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि एक महीने के अंदर पिछड़ों की गिनती कराते हुए आयोग को सूचना दे दी जाए। आयोग जिलों में जाकर इसका सत्यापन कराएगा।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में डा. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार कलक्ट्रेट लखनऊ में पिछड़े वर्ग के रैपिड सर्वे को लेकर मंडल के सभी डीएम के साथ बैठक हुई। आयोग के सदस्य चोब सिंह वर्मा ने कहा कि सभी निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या का वास्तविक आकंलन किया जाना जरूरी है। आयोग इसका परीक्षण करते हुए तथ्यात्मक निष्कर्ष निकालेगा। आयोग ने अधिकारियों से कहा कि उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट का सत्यापन आयोग फील्ड में जाकर भी कराएगा। इसमें स्थानीय लोगों से बातचीत की जाएगी।
आयोग नगरीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व के संदर्भ में जांच व अध्ययन करते हुए निकायवार अनुपातिक आरक्षण के संदर्भ में अनुशंसा करते हुए सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि साल 2011 की जनगणना के आधार पर साल 2017 में रैपिड सर्वे कराया गया था। नगर निगम में इसके बाद जोड़े गए 88 गांवों का नए सिरे से रैपिड सर्वे कराते हुए पिछड़ों की गिनती कराई गई।
पूर्ण पीठ के साथ हुई बैठक
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, सदस्य चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष कुमार विश्वकर्मा, बृजेश कुमार सोनी पूर्ण पीठ के साथ बैठक की। इसमें डीएम लखनऊ सूर्य पाल गंगवार, डीएम रायबरेली माला श्रीवास्तव, डीएम उन्नाव अपूर्वा दुबे, डीएम हरदोई मंगला प्रसाद सिंह, डीएम सीतापुर अनुज सिंह, नगर आयुक्त लखनऊ इंद्रजीत सिंह समेत सभी निकायों के अधिकारी उपस्थित थे।