Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Who will win semi-final before Lok Sabha bugle civic elections has been sounded UP SP is gearing up

कौन जीतेगा लोकसभा से पहले का 'सेमीफाइनल'? यूपी में बज गया निकाय चुनाव का बिगुल, सपा ने कसी कमर

सपा का मानना है कि चुनाव में उसका भाजपा से सीधा मुकाबला है। ऐसे में सीटों पर ओबीसी आरक्षण को लेकर उसने जहां विसंगतियों को उजागर कर चुनाव आयोग से शिकायत की। वहीं प्रत्याशी चयन के लिए पैनल मांग लिए हैं।

Dinesh Rathour विशेष संवाददाता, लखनऊSun, 9 April 2023 08:12 PM
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यूपी में निकाय चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही सभी पार्टियों ने चुनाव की तैयारियां और तेज कर दी हैं। सपा ने भी पूरी तरह से कमर कस ली है। दरअसल लोकसभा से पहले होने वाले निकाय चुनाव को सपा सेमीफाइनल मान रही है। ये सेमीफाइनल कौन जीतेगा? ये तो 13 मई को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। सपा का मानना है कि चुनाव में उसका भाजपा से सीधा मुकाबला है। ऐसे में सीटों पर ओबीसी आरक्षण को लेकर उसने जहां विसंगतियों को उजागर कर चुनाव आयोग से शिकायत की। वहीं प्रत्याशी चयन के लिए पैनल मांग लिए हैं। सपा अब नागरिक सुविधाओं में गड़बड़ियों को उजागर कर व अपनी सरकार के कार्यकाल का उदाहरण देकर भाजपा को घेरने की तैयारी में है। 

इन पैनल में तीन-तीन नाम भेजने को कहा गया है। हालांकि जिलेवार बनाए गए पर्यवेक्षकों ने नामों की संस्तुति पहले ही कर दी थी लेकिन कई सीटों पर आरक्षण बदलने के बाद पहले भेजे गए नामों में अब बदलाव हो रहा है। कहीं महिला दावेदारों के नाम भेजने हैं तो कहीं ओबीसी महिला के। पिछली बार सपा को मेयर चुनाव में कामयाबी नहीं मिली लेकिन पालिका अध्यक्ष व पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। सपा के निगमों में 202 पार्षद जीते थे। पालिक सदस्य में 477 व नगर पंचायत सदस्य 453 जीते थे। 

सिंबल पर लड़ेगी कही कहीं दूसरी रणनीति 

सपा निकाय चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी लेकिन स्थानीय समीकरणों को देखते हुए बिना सिंबल के निर्दलीय मजबूत प्रत्याशी को समर्थन कर देगी। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों कहा था, जहां सिंबल देने की जरूरत पड़ेगी, वहीं सिंबल दिए जाएंगे, जहां फ्री छोड़ने की जरूरत होगी, वहां फ्री छोड़ने का भी काम करेंगे। 

छोटे दलों का साथ लेगी सपा

निकाय चुनाव में सपा सहयोगी दलों को साथ लेगी। रालोद के लिए कुछ सीटें छोड़ी जा सकती हैं। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर की पार्टी का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्हें भी कुछ सीटों सपा समर्थन कर सकती है। खतौली उपचुनाव जीतने के बाद सपा-रालोद व भीम आर्मी के बीच इस तरह की सहमति बनी है। सपा की निगाह सुभासपा के बागी नेताओं पर भी है।  महान दल पहले से सपा के साथ है। 

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