UP Nagar Nikay Chunav: सीटों के आरक्षण में चक्रानुक्रम प्रक्रिया का पूरा पालन न करने पर भी उठी उंगली
यूपी में निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में चक्रानुक्रम व्यवस्था है। इसमें एक वर्ग को बार-बार आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता लेकिन मेयर, अध्यक्ष की सीटों में पिछड़ा वर्ग आयोग ने खामियों पर इशारा किया।
यूपी में निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में चक्रानुक्रम व्यवस्था लागू है। इसके मुताबिक एक वर्ग को बार-बार आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है, लेकिन मेयर और अध्यक्ष की सीटों में पिछड़ा वर्ग आयोग ने इन खामियों की तरफ भी इशारा किया है। इसमें यह सवाल उठाया गया है कि कुछ चुनावों को छोड़ दिया जाए तो बार-बार कैसे सीटें अनारक्षित होती रही। आयोग की इस टिप्पणी के बाद अब शासन स्तर पर इन खामियों की वजह तलाशी जा रही है।
यूपी में मेयर की मौजूदा समय 17, नगर पालिका अध्यक्ष की 200 और नगर पंचायत अध्यक्ष की 545 सीटें हैं। सूत्रों का कहना है कि पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वे और अध्ययन में पाया है कि मेयर व अध्यक्ष की सीटों में चक्रानुक्रम व्यवस्था का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। चक्रानुक्रम व्यवस्था के मुताबिक अनुसूचित जनजाति महिला, अनुसूचित जनजाति, एससी महिला, एससी, ओबीसी महिला, ओबीसी, माहिला व अनारक्षित वर्ग के लिए सीटें आरक्षित होंगी। वरियताक्रम खत्म होने के बाद पुन: वही चक्र फिर से चलेगा, लेकिन सर्वे में इसका पूरी तरह से पालन होते नहीं पाया गया है।
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उदाहरण के लिए लखनऊ वर्ष 2012 में अनारक्षित था, वर्ष 2107 में महिला किया गया और वर्ष 2022 में पुन: इसे अनारक्षित प्रस्तावित कर दिया गया, वाराणसी वर्ष 2012 में अनारक्षित था, वर्ष 2017 में इसे ओबीसी महिला किया गया और वर्ष 2022 में पुन: अनारक्षित प्रस्तावित कर दिया गया। आगरा वर्ष 2012 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। वर्ष 2017 में इसे अनारक्षित किया गया और वर्ष 2022 में एससी महिला के लिए प्रस्तावित कर दिया गया, सहारनपुर वर्ष 2012 में महिला थी। वर्ष 2017 में इसे पिछड़ा वर्ग के लिए किया गया और वर्ष 2022 के चुनाव में पुन: महिला के लिए प्रस्तावित कर दिया गया।
इसी तरह पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण में भी खामियों की ओर इशारा किया गया। सूत्रों का कहना है कि शासन स्तर के अधिकारियों पर इसको लेकर माथे पर चिंता की लकीरें हैं। उच्च स्तर पर अगर इन सभी बिंदुओं का संज्ञान ले लिया गया तो कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।