यूपी निकाय चुनाव: आरक्षण बदलने से मिलेगा नए राजनीतिक खिलाड़ियों को मैदान में उतरने का मौका
शाहजहांपुर नगर निगम की घोषणा होने के बाद यहां पहली बार मेयर का चुनाव होगा। दिसंबर में जारी हुई आरक्षण लिस्ट इस बार बदल गई है। शाहजहांपुर नगर निगम में महिला कैंडीडेट को मौका दिया गया है।
शाहजहांपुर में पहली बार नगर निगम के लिए चुनाव होने जा रहा है। मेयर पद की सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है। इससे सामान्य वर्ग और अन्य वर्ग के मेयर पद के दावेदारों के सपने चूर हो गए, लेकिन मेयर की सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित होने से भाजपा में नये नेतृत्व को आगे बढ़ने का मौका जरूर मिलने जा रहा है। ऐसा केवल नगर निगम की मेयर सीट के लिए ही नहीं, बल्कि तिलहर पालिका सीट पर भी देखने को मिल सकता है। इसी क्रम में जिले में नवसृजित बंडा, कलान, निगोही नगर पंचायत में भी पहली बार चुनाव होने से बहुत से ऐसे लोग राजनीति में किस्मत अजमाएंगे, जिन्हें गिनती में ही नहीं लिया जाता था।
शाहजहांपुर मेयर सीट, प्रमुख दावेदार
जिले की मेयर सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित होने के बाद भाजपा से शिल्पी गुप्ता, वेदप्रकाश मौर्या की पत्नी, संजीव राठौर की पत्नी, मुकेश राठौर की पत्नी प्रमुख दावेदारों में हैं। इसमें वेदप्रकाश मौर्या की पत्नी पहले सभासद भी रह चुकी हैं।
- जिले की मेयर सीट पिछड़ा वर्ग के लिए घोषित होने के बाद सपा से अर्चना वर्मा प्रमुख दावेदारों में एक हैं। अर्चना वर्मा के पास जिला पंचायत अध्यक्ष पद का अनुभव भी है। उनके पति राजेश ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था, दूसरे नंबर पर रहे थे। अर्चना वर्मा के ससुर राममूर्ति वर्मा, जलालाबाद से कई बार विधायक रहे, सपा सरकार में मंत्री रहे। वह सांसद भी रहे।
- कांग्रेस, बसपा, आप से अभी मेयर पद के लिए दावेदारों के चेहरे सामने नहीं आए हैं। इन पार्टियों को मेयर चुनाव के लिए मेहनत भी करनी होगी।
तीन नगर पालिका
- तिलहर में इस बार नगर पालिका की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। इस बार यहां भाजपा अपने संघर्षशील नेता राजीव राठौर पर दांव लगा सकती है। हालांकि तिलहर सीट पर सपा का वर्चस्व रहा है। सपा के दिग्गज नेता इमरान खां कई बार अध्यक्ष रहे, अभी पिछली बार उनकी पत्नी अध्यक्ष रहीं।
- जलालाबाद में नगर पालिका की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। यहां भाजपा का कब्जा है। पर इस सीट पर सपा का काफी समय तक वर्चस्व रहा है। भाजपा से यहां मुनेंद्रबाबू गुप्ता अध्यक्ष रहे, सपा से संजय पाठक अध्यक्ष रहे। यहां भाजपा मुनेंद्र बाबू पर दुबारा दांव खेल सकती है, मनेंद्र सिंह चौहान भी प्रमुख दावेदारों में हैं। सपा यहां से शकील अहमद पर दांव लगा सकती है। संजय पाठक की दावेदारी भी काफी मजबूत हैं।
- पुवायां नगर पालिका की सीट सामान्य जरूर है, लेकिन भाजपा यहां से पुराने अध्यक्ष संजय गुप्ता संजू पर ही दांव लगाने के मूड में दिख रही है। यहां गुप्ता समुदाय से कई और दावेदार हैं, लेकिन राजनीतिक पकड़, अनुभव को भाजपा यहां तरजीह दे सकती है। सपा से सामान्य वर्ग के लिए ब्राहृमण उम्मीदवार राजनीति केमैदान में ताल ठोंक सकता है।
पहली बार होगा तीन स्थानों पर चुनाव
- बंडा में पहली बार नगर पंचायत का चुनाव होगा। यहां अध्यक्ष पद की सामान्य सीट के लिए भाजपा से कृपाल सिंह, विश्वविजयवीर सिंह, मनोज सिंह, अनिल कटियार भाजपा के टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं। इसमें कौन बाजी मार ले जाएगा, यह कहना बेहद मुश्किल है। सपा से यहां गौरव शुक्ला और फरजाना अध्यक्ष पद की दावेदार हैं।
- निगोही में पहली बार नगर पंचायत का चुनाव होने जा रहा है। यहां की अध्यक्ष पद की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। अध्यक्ष की सीट के लिए मौजूदा और पूर्व विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। मौजूदा विधायक सलोना कुशवाहा भाजपा से अपने कैंप के राजीव वर्मा और पूर्व विधायक रोशनलाल सपा से अपने बेटे मनोज वर्मा को अध्यक्ष बनवाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाएंगे।
- कलान में पहली बार नगर पंचायत का चुनाव होगा। अध्यक्ष पद की सीट सामान्य है। ऐसे में कलान में पुराने दिग्गज गेंदनलाल गुप्ता, विनोद गुप्ता, हरेनारायण गुप्ता, रामगोपाल वर्मा, रामकुमार गुप्ता, डा. मोहित मिश्रा, डा. रामनिवास गुप्ता और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री संजय सिंह के बेटे आदित्य सिंह उर्फ हनी सिंह भाजपा से टिकट मांग रहे हैं। सपा से गोल्डी गुप्ता, संतकुमार यादव, अजय गुप्ता अध्यक्ष पद के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
- नगर पंचायत खुदागंज में अध्यक्ष पद की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। यह सीट परंपरागत पर भाजपा के पास रही है। मौजूदा में भी भाजपा का ही कब्जा है। अध्यक्ष पद की सीट भाजपा के दिग्गज माने जाने वाले सुधीर सिंह तो कभी उनकी पत्नी जीतती रहीं हैं। समाजवादी पार्टी से यहां ताहिर अली प्रमुख दावेदार हैं।
- कटरा नगर पंचायत अध्यक्ष पद की सीट पर सपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अब तक जीतते रहे हैं। हमेशा सामान्य सीट रही। पहली बार यहां का आरक्षण बदला है। इस बार अध्यक्ष पद की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। इस बार भाजपा से यहां सर्वेश कश्यप मजबूत दावेदारी कर रहे हैं। अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी मोहित गुप्ता की भी है, अभी यह तय नहीं है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर भाजपा या सपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ेंगे। सपा से राजेश कश्यप की मजबूत दावेदारी है। कांग्रेस से नदीम अंसारी के होर्डिंग लगे हुए हैं।
- कांट नगर पंचायत में अध्यक्ष पद की सीट सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित है। कांट नगर पंचायत से बीजेपी का टिकट मागने बालों की सबसे लंबी लिस्ट है। बीजेपी से आवेदन करने वालों में योगेश शर्मा, संजीव गुप्ता, रजनीश कश्यप, आनन्द चतुर्वेदी, अमरदीप शुक्ला और विशाल सक्सेना शामिल हैं। इसी के साथ मुल्लू मिश्रा और मुन्ना मिश्रा का नाम भी चर्चा में आया था। दूसरी ओर सपा से अकेले इदरीश खां की ही दावेदारी रही। उनकी पत्नी सुरैय्या बेगम निवर्तमान नगर पंचायत की अध्यक्षा थीं, जिनका कुछ समय पहले ही आकस्मिक निधन हो चुका है। इधर कांग्रेस से पूर्व चेयरमैन रहीस मियां की मजबूत दावेदारी मानी जाती है। हालांकि कांग्रेस से दूसरे प्रत्याशी इरफान उर्फ भोलू भी टिकट की मांग कर रहे हैं। अब सामान्य महिला सीट होने पर इन सबकी पत्नियां दावेदार होंगी। वहीं सपा से इदरीश खां की पुत्री दावेदार हो सकती है।
- अल्हागंज नगर पंचायत अध्यक्ष पद की सीट पिछड़ा वर्ग महिला को आरक्षित की है। इस सीट पर लंबे समय तक भाजपा का दबदबा रहा है। मौजूदा समय में राजेश वर्मा अध्यक्ष हैं। इस बार अध्यक्ष पद के टिकट के लिए भाजपा से राजेश वर्मा अपनी पत्नी के लिए पैरवी करेंगे। वहीं भाजपा से गौरव गुप्ता की पत्नी स्नेहा गुप्ता टिकट मांग रही हैं। सपा से सगीर अहमद की पत्नी, राजू शाह की पत्नी की दावेदारी है।
फेसबुक पर प्रचार शुरू, पोस्टों की भरमार
जिले में जैसे ही निकाय चुनाव को आरक्षण की सूची जारी हुई, वैसे ही उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी के लिए पोस्टों की झड़ी लगा दी। तमाम लोग आरक्षण बदले जाने से नाराजगी जताते हुए पोस्ट करते रहे। इस बार का पूरा प्रचार फेसबुक पर फोकस हो गया है।