Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Nagar Nikay Chunav Municipal Election OBC survey report submitted contenders and parties to start preparation

UP नगर निकाय चुनाव: ओबीसी सर्वे रिपोर्ट से बढ़ी दावेदार और दलों की धड़कन, नए सिरे से करनी होगी तैयारी

आयोग ने ट्रिपिल टेस्ट के आधार पर ओबीसी सर्वे रिपोर्ट कैबिनेट को सौंप दी है। इसके बाद ही नगर निगम चुनाव में सरगर्मी फिर से बढ़ने लगी है। नए आरक्षण के चलते राजनीतिक दलों को तैयारी नए सिरे से करनी होगी।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान टीम, आगराSat, 11 March 2023 09:34 AM
share Share

आयोग ने ट्रिपिल टेस्ट के आधार पर ओबीसी सर्वे रिपोर्ट कैबिनेट को सौंप दी है। इसके बाद ही नगर निगम चुनाव में सरगर्मी फिर से बढ़ने लगी है। सरकार इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में सौंपेगी उसके बाद आरक्षण की प्रक्रिया दोबारा से जारी की जाएगी। माना जा रहा है कि ओबीसी आरक्षण से नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और नगर निगमों में आरक्षण बदला जा सकता है। प्रस्तावित आरक्षण को लेकर राजनीतिक दलों और दावेदारों की धड़कन बढ़ने लगी है। दरअसल नए आरक्षण के चलते राजनीतिक दलों को तैयारी नए सिरे से करनी होगी।

इसका असर आगरा नगर निगम के आरक्षण पर भी होगा। दो दिसंबर 2022 को जारी आरक्षण के मुताबिक आगरा नगर निगम के मेयर की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित कर दी गई थी। साथ ही 100 वार्डों में सामान्य महिला के लिए 18, पिछड़ा वर्ग महिला की 8, अनारक्षित (सामान्य) 36, अनुसूचित महिला के लिए 8, अनुसूचित जाति के लिए 16 और पिछड़ा वर्ग के लिए 14 सीट आरक्षित थीं, लेकिन नई व्यवस्था में इन सीटों में परिवर्तन हो सकता है। कुछ लोग तो मेयर की सीट भी बदलने की अटकलें लगा रहे हैं।

यदि नगर निगम का आरक्षण में परिवर्तन होता है तो राजनीतिक दलों और दावेदारों को नए सिरे से तैयारी करनी होगी। कुछ ऐसे भी होंगे जो पिछले आरक्षण की वजह से अपना वार्ड गंवा चुके हैं, उन्हें राहत भी मिल सकती है। दरअसल आगरा नगर निगम की कई सीटों के आरक्षण को लेकर आपत्तियां भी आई थीं। इनमें कई वार्ड ऐसे थे जहां एससी की आबादी 84 फीसदी तक है और सीट सामान्य वर्ग में चली गई थी। कई सीटों को ओबीसी के लिए आरक्षित कर दिया गया था, लेकिन वहां ओबीसी की आबादी पांच फीसदी भी नहीं थी।

ये भी पढ़ें: UP: जमीन को भी मिलेगी अपनी आईडी, इस सिस्टम से सीमा विवाद होंगे खत्म

राजनीतिक दल हैं तैयार
सरकार से संकेत मिले हैं कि नगर निगम के चुनाव अप्रैल-मई में हो सकते हैं। इसके लिए राजनीतिक दलों ने भी तैयारी कर शुरू कर दी है। बस उन्हें आरक्षण का इंतजार है। राजनीतिक दलों से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि ओबीसी के सर्वे के बाद जो आरक्षण जारी होगा उस पर आपत्ति आमंत्रित की जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम आरक्षण जारी होगा। तब जो स्थिति बनेगी उसके लिए तैयार हैं। भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन का कहना है कि संगठन की पूरी तैयारी है। जो आरक्षण आएगा उसी के आधार पर आगे की कार्यवाही होगी।

नामावली के पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित
निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने नगरीय निकाय नामावली के संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली का प्रकाशन कर दिया गया है। निर्वाचक नामावली का निरीक्षण, दावे और आपत्तियों को 11 से 17 मार्च तक प्राप्त किया जाएगा। 18 से 22 मार्च तक दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 23 से 31 मार्च तक पूरक सूचियों की पाण्डुलिपियों की तैयारी और उन्हें पूरक सूची 1 में समाहित किया जाएगा। एक अप्रैल को निर्वाचक नामावलियों का जनसामान्य के लिए प्रकाशन होगा।

चुनाव को लेकर तैयार
सपा के शहर अध्यक्ष वाजिद निसार ने कहा कि चुनाव को लेकर तैयार हैं। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवेंद्र चिल्लू का कहना है कि अभी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपी गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आगे की कार्यवाही होगी। बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र जीतू ने कहा कि पहले भी तैयारी थी। बदलाव भी होता है तो इससे तैयारियां प्रभावित नहीं होंगी।

अभी तक यह है वार्ड आरक्षण की स्थिति
सामान्य महिला 18
पिछड़ा वर्ग महिला 08
अनारक्षित सामान्य 36
अनुसूचित महिला 08
अनुसूचित जाति 16
पिछड़ा वर्ग 14

अगला लेखऐप पर पढ़ें