भाजपा से व्यंकटेश पांडे और कांग्रेस से नजमा बेगम उम्मीदवार बनीं। वोटिंग के बाद कांग्रेस को 19 वोट मिले और भाजपा ने 26 वोट पाकर जीत हासिल की।रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला के करीबी माने जाते
पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने भी मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में अपना खाता खोला है। कामयाबी नीमच में मिली है, जहां सांप्रदायिक तनाव हुआ था।
आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में मजबूत दस्तक दी है। पार्टी ने जहां सिंगरौली में मेयर का चुनाव जीता है तो 40 वार्ड में पार्षद का पद हासिल करते हुए राज्य में तीसरी ताकत के उभरने का संकेत दिया है।
मध्य प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव के बाद भाजपा एक तरफ निगमों में पार्षदों की संख्या और नगर पालिका, नगर परिषद में मिली कामयाबी का जश्न मना रही है तो कांग्रेस के कैंप में भी खुशी की लहर है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को जहां 9 शहरों नगर निगम में जीत हासिल हुई है तो कांग्रेस को 5 मेयर पद हासिल हुए हैं। यह नगर निगम में कांग्रेस का सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन बताया जा रहा है।
पहले चरण में जहां बीजेपी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में हार का सामना करना पड़ा तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना में भी पार्टी की हार हुई।
खरगोन नगर पालिका चुनाव में AIMIM ने 7 उम्मीदवार चुनाव में उतरे थे, जिनमें से 3 जीत गए हैं। खरगोन में AIMIM की जीत के कई मायने निकाले जा रहे हैं। खास बात यह है कि हिंदू प्रत्याशी की भी जीत हुई है।
खरगोन नगर पालिका चुनाव में AIMIM ने 7 उम्मीदवार चुनाव में उतरे थे, जिनमें से 3 जीत गए हैं। खरगोन में AIMIM की जीत के कई मायने निकाले जा रहे हैं। खास बात यह है कि हिंदू प्रत्याशी की भी जीत हुई है।
रीवा के नगरीय निकाय चुनाव में जहां कांग्रेस के महापौर प्रत्यासी अजय मिश्रा जीत के करीब हैं और कई वार्डों में कांग्रेस के प्रत्यासियों ने जीत हासिल की है। वहीं राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल की हार हो गई।
मध्य प्रदेश के खरगोन में अधिकतर सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने परचम लहराया है। यहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को भी खुशखबरी मिली है। पार्टी ने यहां 3 वार्ड में जीत हासिल की है।
दिल्ली और पंजाब फतह के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी छोटे-छोटे कदमों से अन्य राज्यों में विस्तार करने में जुटी है। सिंगरौली में मेयर चुनाव जीतकर पार्टी ने मध्य प्रदेश में दस्तक दे दी है।
चुनाव जीतने के बाद नाच–गाकर जीत का जश्न मनाना आम बात है, लेकिन क्या आपने कभी सुना है हार के बाद किसी उम्मीदवार ने डांस कर हार का जश्न मनाया हो और अपने मतदाताओं से घर–घर जाकर फिर से आशीर्वाद लिया हो।
कंधे पर लकड़ियों का बोझ, तन में गमछे का लंगोट और पैर में साधारण चप्पल। यह कोई और नहीं बल्कि छिंदवाड़ा के नए मेयर साहब हैं। नाम है विक्रम अहाके और उम्र महज 31 साल। वह मध्य प्रदेश के सबसे युवा मेयर हैं।
चुनावी नतीजों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम दिग्वजिय सिंह ने चुप्पी तोड़ी है। एक तरफ उन्होंने शहरों में बीजेपी की 'शहरी ताकत' को स्वीकार किया तो दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी पर जमकर बरसे।
रविवार को जिन 11 नगर निगम में मेयर पद के लिए वोटों की गिनती हुई, उनमें से 7 पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। कांग्रेस को महज 3 मेयर पदों से संतोष करना पड़ा है। एक सीट पर आप को जीत मिली है।
बुरहानपुर में कांग्रेस कि महापौर प्रत्यशी के 388 मतों से हार का ठीकरा भी एआईएमआईएम पर फोड़ा जा रहा है। मध्य प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद अब सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है।
जानकारी के अनुसार, 45 वार्डों वाले सिंगरौली नगर निगम के 23 वार्डों में भाजपा, 12 वार्डों में कांग्रेस और 5 वार्डों में 'आप' ने जीत हासिल की है, जबकि 2 निर्दलीय और 2 वार्ड बसपा के खाते में गए हैं।
मध्य प्रदेश की सबसे हॉट सीट ग्वालियर नगर निगम के चुनाव में अबकी बार युवाओं ने बाजी मारी है। इसी कड़ी में ग्वालियर चंबल अंचल की भावना खटीक सबसे कम उम्र की छात्रा, पार्षद चुनी गई है। महज 22 साल की भावना
ग्वालियर नगर निगम में 57 साल बाद कांग्रेस जीत के करीब पहुंच गई है। यहां बीजेपी की सुमन शर्मा के मुकाबले कांग्रेस उम्मीदवार शोभा सिकरवार जीत हासिल करती दिख रही हैं, जो सतीश सिकरवार की पत्नी हैं।
मऊगंज नगर परिषद में भाजपा का कब्जा बरकरार है। यहां बीजेपी के 9 पार्षद जीत कर आए हैं, जबकि कांग्रेस के 4 प्रत्याशियों को जीत नसीब हुई है। वहीं 2 निर्दलीय उम्मीदवारों ने परिषद में उपस्थिति दर्ज कराई है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में भोपाल एवं इंदौर नगर निगम सहित प्रथम चरण में हुए 44 जिलों के 133 नगर निकाय के चुनाव के लिए मतगणना रविवार को सुबह नौ बजे से शुरू हुई, जो अब तक जारी है।
मध्य प्रदेश की सत्ता का सेमीफानल कहे जाने वाले शहरी निकाय चुनावों में अधिकतर सीटों पर कमल खिल गया है। जिन 11 नगर निगम में रविवार को काउंटिंग हुई, उनमें भाजपा ने चार सीटों पर जीत हासिल कर ली है।
मध्य प्रदेश में भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मालवा क्षेत्र में भाजपा ने अपनी जीत कुछ क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से दर्ज करवाई है, जबकि कांग्रेस यहां संतुलित आंकड़ों में ही बढ़ता बना पाई है।
रीवा में हार के तुरंत बाद सदमे से एक कांग्रेस प्रत्याशी की मौत हो गई है। रीवा के वार्ड नंबर 9 से कांग्रेस प्रत्याशी हरिनारायण की जान चली गई है। उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी से 14 वोट से हराया।
शाजापुर नगर पालिका पर भाजपा का कब्जा होगा। भाजपा के सभी प्रमुख उम्मीदवार चुनाव जीत गए, वहीं कांग्रेस के विधायक प्रतिनिधि आशुतोष शर्मा चुनाव हार गए, उनकी पत्नी मीनाक्षी को भी हार का सामना करना पड़ा।
खंडवा के वार्ड 14 से एआईएमआईएम की प्रत्याशी शकीरा की जीत की चर्चा अब प्रदेश में होने लगी है। खास बात यह कि पूरे चुनाव में शाकीरा ने प्रचार नहीं किया। एआईएमआईएम की पार्षद प्रत्यशी गृहणी हैं।
मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जहां एक बार फिर बढ़त हासिल किए हुए है तो कांग्रेस प्रदर्शन में सुधार करती दिख रही है। इस बीच सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार एंट्री की है।
सभी 11 नगर निगमों के परिणाम घोषित हो गए हैं। 7 पर बीजेपी, 3 पर कांग्रेस और एक पर आम आदमी पार्टी को सफलता मिली है। इंदौर, भोपाल, बुरहानपुर, उज्जैन, सतना, खंडवा और सागर में बीजेपी को जीत मिली है।