रीवा नगर निगम पर भाजपा का कब्ज़ा, निर्दलियों के समर्थन से व्यंकटेश पांडे बने अध्यक्ष
भाजपा से व्यंकटेश पांडे और कांग्रेस से नजमा बेगम उम्मीदवार बनीं। वोटिंग के बाद कांग्रेस को 19 वोट मिले और भाजपा ने 26 वोट पाकर जीत हासिल की।रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला के करीबी माने जाते
नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस के अजय मिश्रा बाबा महापौर निर्वाचित हुए साथ ही 16 कांग्रेस के पार्षद भी बने। वहीं भारतीय जनता पार्टी के 18 पार्षद बने और 11 वार्डों में निर्दलीयों का कब्जा रहा। भारतीय जनता पार्टी ने निर्दलीयों से सांठगांठ कर उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर अपनी संख्या 18 से 25 कर ली। वहीं दो निर्दलीय पार्षद कांग्रेस में शामिल हुए जिसके बाद उनकी संख्या 18 हो गई। हालांकि बीजेपी के 25 पार्षद हो गए थे, जिसके बाद उनके पास बहुमत था और उनका परिषद में कब्जा तय माना जा रहा था।
सोमवार को नगर निगम अध्यक्ष चुनाव कलेक्ट्रेट परिसर में संपन्न हुआ जहां भारतीय जनता पार्टी से व्यंकटेश पांडे और कांग्रेस से नजमा बेगम उम्मीदवार बनीं। वोटिंग के बाद कांग्रेस को 19 वोट मिले और भाजपा ने 26 वोट पाकर जीत हासिल की। हार के बाद कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा भाजपा ने धन बल और प्रशासन के दम पर परिणाम अपनी तरफ किया है। वहीं नवनिर्वाचित नगर निगम परिषद अध्यक्ष व्यंकटेश पांडे ने कहा विपक्ष को साथ में लेकर वह शहर का विकास करेंगे।
महापौरी खोने के बाद भाजपा ने रीवा नगर निगम के स्पीकर पद पर कब्जा जमा लिया है। 20 जुलाई को आए नतीजों में 24 साल बाद कांग्रेस को रीवा महापौर की कुर्सी अजय मिश्रा बाबा के रूप में मिली थी। कांग्रेस के 16, भाजपा के 18 और 11 निर्दलीय पार्षद जीतकर आए थे।
महापौर चुनाव में मिली हार के गम को मिटाने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने निर्दलीय 7 पार्षदों को सदस्यता दिलाई। साथ ही 28 जुलाई को कलेक्ट्रेट में शपथ दिलाते हुए सभी पार्षदों को एक बस में बैठाकर ओरछा भेज दिया था। 1 अगस्त को सभी पार्षद होटल से सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे जिसके बाद वोटिंग कराई गई। जहां सभी ने एकतरफा भाजपा उम्मीदवार को वोट कर नगर निगम अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया।
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