बच्चों की लंबी उम्र की कामना के पर्व जितिया के मौके पर नदी और पोखर में नहाने के दौरान बिहार के अलग-अगल जिलों में कुल 46 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 37 बच्चे और 7 मां शामिल हैं।
jitiya Vrat katha: जितिया व्रत में भगवान जीमूतवाहन, भगवान श्रीकृष्ण व चील और सियारिन से जुड़ी व्रत कथा पढ़ने या सुनने की परंपरा है। यहां पढ़ें चील और सियारिन से जुड़ी जितिया व्रत कथा-
Jitiya Vrat Katha in Hindi : अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया व्रत किया जाता है। इस दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शाम को पूजा के बाद व्रत की कथा पढ़ी जाती है।
Jitiya Vrat 2023 : जितिया व्रत से पहले नहाय खाय और बाद में पारण करने के समय विशेष साग-सब्जियां खाई जाती हैं। ये सब्जियां फिजिकल हेल्थ को मजबूत करने के साथ-साथ मेंटल हेल्थ को मजबूत करने वाले कुछ संदेश
Jivitputrika Jitiya Vrat 2023 Date Time Puja : जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का बड़ा महत्व है। इस व्रत को माताएं अपने संतान की लंबी आयु, उन्नति, सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए रखती हैं।
jivitputrika Vrat kab:6 अक्टूबर को निर्जला व्रत, 5 अक्टूबर को नहाय-खाय और 7 अक्टूबर को सुबह 8.22 बजे के बाद पारण करेंगी। वहीं 7 अक्टूबर को व्रत रखने वाली व्रती 6 अक्टूबर को नहायखाय, 8 अक्टूबर को पारण
6 अक्टूबर को नहाय खाय से शुरुआत होगी जबकि 7 अक्टूबर को पारण होगा। महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए जितिया व्रत रखती हैं। इस व्रत से संतान प्राप्ति के साथ दुखों व परेशानियों से उनकी रक्षा होती है।
Jivitputrika Vrat: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष सप्तमी से लेकर नवमी पर्यन्त यह व्रत किया जाता है। जिसमें सप्तमी के रात्रि में नहाए खाए, जो भिनसर्वा में ओटघन करते हुए एवं नवमी को पारण कर व्रत पूर्ण करती है
इस व्रत को जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका या जीमूतवाहन व्रत भी कहा जाता है। माताएं जीवित्पुत्रिका व्रत संतान प्राप्ति और उनके लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। इस साल 5 अक्टूबर को नहाए खाए है।
jivitputrika vrat jitiya 2023 kab hai : सुहागिन महिलाएं संतान प्राप्ति व माताएं पुत्र की सुरक्षा के लिए जितिया व्रत रखती है। साथ ही बच्चों की सुख समृद्धि व लम्बी आयु की कामना करती है।
Jivitputrika vrat 2023 kab hai: जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत महिलाएं अपने संतान की खुशहाली के लिए करती हैं। जानें जितिया व्रत का पारण कब होगा और क्या है इसके नियम-
Jivitputrika Vrat ki kahani:उसने कभी उनका सर कटवाकर डब्बे में बंद करा दिया पर वह शीश मिठाई बन जाती और बच्चों का बाल तक बांका न होता. बार बार उसने अपनी बहन के बच्चों और उसके पति को मारने का प्रयास भी क
इस व्रत को करने से महिलाओं के पति की आयु लंबी आयु प्राप्त होता ही है प्रमुख रूप से संतान दीर्घायु होते हैं ।चाहे वह बेटी हो बेटा हो निश्चित रूप से सभी को विधि-विधान पूर्वक सभी स्त्रियों को यह व्रत करन
Jivitputrika, Jitiya vrat date 2023: जीवित्पुत्रिका व्रत को माताएं अपनी संतान के स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं। कुछ जगहों पर इस व्रत जिउतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं।
संतान की सुखी जीवन, निरोगता एवं लंबी उम्र के लिए हर साल पितृपक्ष हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि जीवित्पुत्रिका पर्व रखा जाता है। यह व्रत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और कहीं-कहीं मध्यप
जो माता आश्विन मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी को जीमूतवाहन की पूजा विधि-विधान से करेगी उसकी संतान के संकटों का नाश होगा। पार्वतीजी के अनुरोध पर शिवजी ने उन मृत बालकों को पुनः जीवित कर दिया, इस कारण ही इसे
Jitiya Vrat 2023: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। पुत्र प्राप्ति तथा संतान की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए व्रत किया जाता है। जानें इस साल कब है जितिया व्रत-
Jitiya Vrat 2022: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। पुत्र प्राप्ति तथा संतान की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए व्रत का अनुष्ठान किया जाता है। इसको लेकर माताएं निराहार व्रत रखती हैं।
Jitiya Vrat: माताएं अपने संतान की खुशहाली के लिए जिउतिया व्रत निराहार और निर्जला रखती हैं। व्रत को लेकर विद्वान संतों ने कहा है कि जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर को करना ही श्रेयस्कर होगा।
संतान की दीर्घायु के लिए रखे जाने वाले जिउतिया व्रत को लेकर पंचांग एक मत नहीं हैं। कहीं लोग विश्वकर्मा जयंती के दिन 17 सितंबर से नहाय खाय से शुरू कर रही हैं, वहीं कहीं-कहीं 18 सितंबर को माताएं जिउतिय
Jitiya Vrat 2022: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। पुत्र प्राप्ति तथा संतान की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए व्रत का अनुष्ठान किया जाता है। इसको लेकर माताएं निराहार व्रत रखती हैं।
Jivitputrika Vrat katha: जीवित्पुत्रिका व्रत, जिसे जिउतिया व्रत भी कहा जाता है, इस साल 18 सितंबर को मनाया जाएगा। इसके लिए एक दिन पहले से महिलाएं तैयारी शुरू कर देती हैं। व्रत और पूजा के लिए सभी चीजों
Jivitputrika Vrat 2022: हिंदू धर्म में व्रत-त्योहारों का अलग महत्व होता है। इनमें से खास जितिया व्रत भी है। जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका और जिउतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं।
Jitiya Jivitputrika Vrat 2021 : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से दशमी तिथि तक जितिया पर्व मनाया जाता है। यह पर्व तीन दिनों तक चलता है। इस पर्व की शुरुआत नहाय खाए से होती है। नहाय खाए...
भारतीय संस्कृति में संतान की मंगल कामना से सम्बंधित पावन पर्वों की कड़ी में जीवित्पुत्रिका व्रत प्राचीन समय से मनाया जाता है। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो इस...
हिंदू धर्म में व्रत-त्योहारों का अलग महत्व होता है। इनमें से खास जितिया व्रत भी है। जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका और जिउतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी...
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। इस साल 28 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगा। इस व्रत को जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका या जीमूतवाहन व्रत भी कहा जाता...
Jivitputrika Jitiya Vrat 2021 : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 28 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगा। इस व्रत को माताएं अपनी...
Jivitputrika Vrat : हिंदू धर्म में कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। जिनमें से एक जितिया व्रत भी है। इस व्रत को जीवित पुत्रिका और जिउतिया व्रत भी कहा जाता है। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के...
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 29 सितंबर को महिलाएं जीवित्पुत्रिका व्रत रखेंगी। पुत्रों के दीर्घायु के लिए की जाने वाली जीवित्पुत्रिका व्रत इस बार माताओं के लिए काफी कष्टकारी होगा। माताएं...