Hindi Newsधर्म न्यूज़Jivitputrika Vrat 2022: When is Jivitputrika or Jitiya Vrat Know Shubh Muhurta Worship Method and Vrat Paran Timing

Jivitputrika Vrat 2022: जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत पारण टाइमिंग

Jivitputrika Vrat 2022: हिंदू धर्म में व्रत-त्योहारों का अलग महत्व होता है। इनमें से खास जितिया व्रत भी है। जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका और जिउतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 18 Sep 2022 06:10 AM
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Jivitputrika Vrat 2022:  हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। इसे जितिया या जिउतिया व्रत के नाम से भी जानते हैं। इस व्रत को विवाहित महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु की कामना और खुशहाली के लिए करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। यह त्योहार तीन दिन तक चलता है। पहले दिन नहाए खाय, दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन व्रत पारण किया जाता है।

जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस साल ये व्रत 18 सितंबर की रात से शुरू होगा और 19 सितंबर तक चलेगा। व्रत पारण 19 सितंबर को किया जाएगा।

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2022-

हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 18 सितंबर को दोपहर 04 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा। 19 सितंबर की सुबह 06 बजकर 10 मिनट के बाद व्रत पारण किया जा सकेगा।

जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा विधि-

सुबह स्नान करने के बाद व्रती प्रदोष काल में गाय के गोबर से पूजा स्थल को लीपकर साफ कर लें।
इसके बाद वहां एक छोटा सा तालाब बना लें।
तालाब के पास एक पाकड़ की डाल लाकर खड़ाकर कर दें।
अब शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की कुशनिर्मित मूर्ति जल के पात्र में स्थापित करें।
अब उन्हें दीप, धूप, अक्षत, रोली और लाल और पीली रूई से सजाएं।
अब उन्हें भोग लगाएं।
अब मिट्टी या गोबर से मादा चील और मादा सियार की प्रतिमा बनाएं।
दोनों को लाल सिंदूर अर्पित करें।
अब पुत्र की प्रगति और कुशलता की कामना करें।
इसके बाद व्रत कथा सुनें या पढ़ें।

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