सावन माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 17 अगस्त, शनिवार को है। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।
सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत शनिवार को है। सावन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होगा। यह इस माह का दूसरा शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं।
हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शंकर को समर्पित होता है।
प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष अराधना की जाती है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समय कुंभ, मकर व धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।
इस समय कुंभ, मकर, धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
21 दिसंबर 2022, बुधवार को बुध प्रदोष व्रत है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना
हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। पौष माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत कल यानी 21 दिसंबर को है।
हर मास कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है जो भगवान शिव को समर्पित व्रत है। इस साल प्रदोष व्रत पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं।
हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। पौष माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत साल का अंतिम प्रदोष व्रत होता है।
Pradosh Vrat Kab Hai Date Time Puja Vidhi Shubh Muhrat pradosh kaal : हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।
Pradosh Vrat December 2022: प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। जानें सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान और माता पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली से कालसर्प दोष मुक्त हो जाता है और उसके सभी रोग, दोष दूर हो जाते हैं। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती है।
Pradosh Vrat Kab Hai Date Time: इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।
Pradosh Vrat 2022 date time : इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।
Shani Pradosh Vrat Katha story in Hindi: 5 नवंबर 2022, शनिवार को शनि प्रदोष व्रत है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है।
Shani Pradosh Vrat : शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।
Shani Pradosh Vrat : शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।
Shani Pradosh Vrat 2022 Muhurat and Katha: शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा सदैव आप पर बनी रहती है।
Shani Pradosh Vrat 2022 Kab Hai: अक्टूबर महीना का प्रदोष व्रत कई मायनों में खास है। इस दिन खास संयोग बनने के कारण व्रत का महत्व बढ़ रहा है। आप भी जानिए कब है प्रदोष व्रत-
धार्मिक हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। धार्मिक ग्रंथों में इस व्रत का विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
Pradosh Vrat : शुक्र प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व होता है। शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है।
23 सितंबर 2022, शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर
pradosh vrat :हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में।
pradosh vrat :हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में।
Pradosh Vrat : हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत भी भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं।
एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है तो वहीं त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि होने पर इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भौम प्रदोष व्रत रखने वालों पर भगवा
Pradosh Vrat : हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत भी भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं।
सावन का महीना भोले शंकर को समर्पित होता है। इस माह में भोले शंकर की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में।
प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। जानें सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त-