Hindi Newsधर्म न्यूज़sawan 2024 shani pradosh vrat date time importance significance benefits puja vidhi shubh muhrat

शनि प्रदोष व्रत कल, नोट कर लें पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त

  • सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत शनिवार को है। सावन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होगा। यह इस माह का दूसरा शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानFri, 16 Aug 2024 06:09 PM
share Share

सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत शनिवार को है। सावन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होगा। यह इस माह का दूसरा शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। यह पूजा शाम के समय में प्रदोष मुहूर्त में करते हैं। शनि प्रदोष व्रत और शिव पूजा करने से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है। इस व्रत में पूजा का मुहूर्त प्रदोष काल में होना जरूरी है। 

श्रावण, शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ - 08:05 ए एम, अगस्त 17

श्रावण, शुक्ल त्रयोदशी समाप्त - 05:51 ए एम, अगस्त 18

शनि प्रदोष व्रत प्रदोष काल- 06:58 पी एम से 09:09 पी एम

प्रदोष व्रत पूजा-विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव है तो व्रत करें।

भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।

इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 

भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान शिव की आरती करें। 

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री-

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

अगला लेखऐप पर पढ़ें