Som Pradosh Vrat: सोम प्रदोष व्रत आज, नोट करें पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान और माता पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली से कालसर्प दोष मुक्त हो जाता है और उसके सभी रोग, दोष दूर हो जाते हैं। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती है।
हर माह में 2 प्रदोष व्रत पड़ते हैं एक शुल्क पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत सोमवार 21 नंवबर को मनाया जाएगा। इस माह पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। उस दिन भगवान शिव की पूजा - अर्चना की जाती है। साल में करीब 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि-
1. सुबह स्नान करने के बाद साफ -सुथरे कपड़े पहने।
2. एक छोटी चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा रखें।
3. भगवान शिव और माता पार्वती की दूध, गंगाजल, घी, दही,शहद से अभिषेक करें।
4. उसके बाद षोडशोपचार पूजन करें।
5. भगवान शिव को मदार, बेलपत्र, भांग और पुष्प अर्पित करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान और माता पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली से कालसर्प दोष मुक्त हो जाता है और उसके सभी रोग, दोष दूर हो जाते हैं। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त- इस दिन सुबह से लेकर रात 09:06 मिनट तक आयुष्मान योग बन रहा है। इस योग में पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और व्यक्ति को पूजा जा दोगुना फल प्राप्त होता है।
शुभ मुहूर्त- 21 नंवबर 05:24 मिनट से रात 08:05 मिनट तक रहेगा। प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय ही की जाती है।
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 21 नंवबर सोमवार सुबह 10:06 मिनट पर हुआ है। जो 22 नंवबर मंगलवार सुबह 08:48 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
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