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Shani Pradosh Vrat : शनि प्रदोष व्रत आज, नोट कर लें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और शिव पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

Shani Pradosh Vrat : शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 22 Oct 2022 06:22 AM
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Shani Pradosh Vrat : शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत में प्रदोष काल में पूजा करने का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान शंकर और माता पार्वती की कृपा से व्यक्ति को सभी तरह के सुखों का अनुभव होता है। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और शिव पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट...

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त-

कार्तिक, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ - 06:02 पी एम, अक्टूबर 22

कार्तिक, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त - 06:03 पी एम, अक्टूबर 23

प्रदोष व्रत पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • अगर संभव है तो व्रत करें।
  • भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
  • इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 
  • भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • भगवान शिव की आरती करें। 
  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री-

  • पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

शुभ मुहूर्त- 

ब्रह्म मुहूर्त- 04:36 ए एम से 05:27 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:34 ए एम से 12:19 पी एम

विजय मुहूर्त- 01:49 पी एम से 02:34 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 05:35 पी एम से 06:00 पी एम

अमृत काल- 07:05 ए एम से 08:46 ए एम

निशिता मुहूर्त- 11:31 पी एम से 12:22 ए एम, अक्टूबर 23

त्रिपुष्कर योग- 01:50 पी एम से 06:02 पी एम

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