Hindi Newsदेश न्यूज़why pooja pal joins samajwadi party where atiq ahmed was mp during raju pal murder - India Hindi News

कैसे उसी सपा में गईं पूजा पाल, जहां कभी अतीक का था बोलबाला; मायावती ने क्यों छोड़ा साथ

राजू पाल की हत्या का आरोप जिस अतीक अहमद पर लगा था, वह सपा का ही सांसद था। फिर ऐसा क्या हुआ कि राजू पाल की पत्नी पूजा ने 13 सालों के बाद उसी सपा का दामन थाम लिया। आइए जानते हैं क्या है पूरी स्टोरी...

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, प्रयागराजTue, 25 April 2023 09:48 AM
share Share

बसपा के विधायक रहे राजू पाल की हत्या के बाद से अब तक यूपी और प्रयागराज की सियासत में 18 साल गुजर चुके हैं। राजू पाल की हत्या के आरोपी रहे माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से पुराने घटनाक्रम एक बार फिर लोगों के जेहन में हैं। 2005 में जनवरी की बात है, जब राजू पाल से शादी के बाद नई-नवेली दुल्हन बन घर आईं पूजा पाल उनका इंतजार कर रही थीं। इस बात से बेखबर कि प्रयागराज की सड़कों पर उनके पति को दौड़ाकर मार दिया गया है। राजू पाल की हत्या की खबर आई तो पूजा पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और हाथों की मेंहदी उतरने से पहले ही सुहाग उजड़ गया। 

राजू पाल की जिस दौरान हत्या हुई थी, उस वक्त अतीक अहमद फूलपुर सीट से सपा का सांसद था। उसने अपने भाई अशरफ को प्रयागराज पश्चिम सीट से उतार दिया था, जहां से वह लगातार 5 बार जीता था। अतीक को उम्मीद थी कि भाई आसान जीत हासिल करेगा, लेकिन राजू पाल ने हरा दिया। कहा जाता है कि इससे ही खफा हुए अतीक ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली। फिर भी लोगों के जेहन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर उसी राजू पाल की विधवा आज सपा में क्यों हैं, जिसके सांसद रहे अतीक ने ही उनके पति की हत्या करा दी थी।

दरअसल इसके पीछे भी एक लंबा घटनाक्रम है, जिसके चलते कभी बसपा में रहीं पूजा पाल तो सपा में आ गईं। वहीं शाइस्ता परवीन को बसपा ने मेयर का प्रत्याशी घोषित कर दिया था। हालांकि अब पार्टी से बाहर हैं। पूजा पाल ने 2019 में सपा का दामन थामा था, जिसमें कभी अतीक का जलवा हुआ करता था और वह मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में से एक था। पूजा पाल के सपा में आने की वजह यह थी कि बसपा ने उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया था। बसपा का कहना था कि पूजा पाल किसी और पार्टी में शामिल होने की तैयारी कर रही हैं। असल में हुआ यह था कि पूजा पाल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी।

एक वीडियो के चलते बसपा से टूटा पूजा पाल का रिश्ता

यह बात 2017 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने बाद की है। पूजा पाल भाजपा कैंडिडेट सिद्धार्थ नाथ सिंह के मुकाबले हार गई थीं। इसके बाद हुई मीटिंग का वीडियो वायरल हुआ तो बसपा ने इसे अनुशासनहीनता माना और पूजा पाल को पार्टी से ही निकाल बाहर किया। हालांकि पूजा पाल का कहना था कि वह डिप्टी सीएम से अपने पति की हत्या के मुकदमे के सिलसिले में मिली थीं। भाजपा में जाने का उनका इरादा ही नहीं था। कहा जाता है कि बसपा से निष्कासन के बाद पूजा पाल ने भाजपा में जाने की कोशिश की भी थी, लेकिन सफल नहीं हो पाईं।

क्यों अखिलेश के सिद्धांतों को पूजा ने बताया अपने जैसा

अंत में पूजा पाल ने उसी सपा में जाने का फैसला लिया, जहां कभी अतीक अहमद का बोलबाला था। यहां तक कि 2017 में भी कानपुर कैंट से अतीक को सपा का टिकट मिल गया था, लेकिन अखिलेश यादव ने उसका विरोध किया और वह बैठ गया था। पूजा पाल ने सपा में जाने का क्रेडिट अखिलेश यादव को दिया था। उन्होंने कहा था, 'मेरे और अखिलेश यादव के मूल्य एक जैसे हैं। वह भी अपराधियों को पसंद नहीं करते। वह महिलाओं के दर्द को समझते हैं। सपा ने अतीक अहमद को टिकट नहीं दिया था।' 

जब पूजा ने कहा- मैंने मायावती को मां की तरह माना, पर...

मायावती से अलगाव पर पूजा पाल ने कहा था, 'मैं तो खरे सोने की तरह रही। उन्हें हमेशा अपनी मां की तरह समझा, लेकिन उन्होंने मेरी कोई वैल्यू नहीं समझी। मैं डिप्टी सीएम से राजू पाल मर्डर केस को लेकर मीटिंग की थी। यह मीटिंग मेरे भाजपा में जाने के लिए नहीं थी। मुझे भाजपा में जाने का ऑफर जरूर मिला था, लेकिन मैंने खारिज कर दिया।' इसके बाद सपा ने पूजा को उन्नाव से 2019 के लोकसभा चुनाव में उतार दिया था, लेकिन बाद में टिकट काटकर अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना भैया को टिकट दे दिया था। इसकी भरपाई सपा ने 2022 में की और पूजा पाल जीतकर विधायक बन गईं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें