एम्स ऋषिकेश में सफल घुटना प्रत्यारोपण
एम्स ऋषिकेश में रोबोटिक नी सर्जरी सप्ताह का आयोजन किया गया, जिसमें 10 मरीजों के घुटनों का सफल प्रत्यारोपण किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि यह तकनीक पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अधिक सटीक और सुरक्षित...

एम्स ऋषिकेश में रोबोटिक नी सर्जरी सप्ताह का आयोजन किया गया, जिसमें अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक का उपयोग कर 10 मरीजों के घुटनों का सफल प्रत्यारोपण किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि रोबोटिक तकनीक पारंपरिक घुटना प्रत्यारोपण की तुलना में अधिक सटीक, सुरक्षित परिणाम और तेज रिकवरी सुनिश्चित करती है। इस तकनीक की मदद से घुटने की अलाइनमेंट और लिगामेंट बैलेंसिंग बेहतर होती है, जिससे मरीज को दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होते हैं। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इस तरह की तकनीक को आम जनता तक पहुंचाना चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कहा कि एम्स ऋषिकेश हमेशा नई और उन्नत चिकित्सा तकनीकों को अपनाने के लिए प्रयासरत रहता है। भविष्य में अपने रोगियों को अत्याधुनिक देखभाल प्रदान करने के लिए इस रोबोटिक तकनीक को प्राप्त करने की योजना बना रहा है। अस्थि रोग विभागाध्यक्ष प्रो. पंकज कंडवाल ने बताया कि इस विशेष सप्ताह के दौरान उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए 10 मरीजों को इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ मिला। इन सर्जरी के माध्यम से मरीजों को बेहतर गुणवत्ता की चिकित्सा सेवा प्रदान की गई, जिससे उनका घुटना प्रत्यारोपण अधिक सफल और दीर्घकालिक रूप से प्रभावी हो सका। बताया गया है कि यह सुविधा सभी मरीजों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के प्रदान की गई। प्रो. रूपभूषण कालिया ने रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण तकनीक की कार्यप्रणाली और इस तकनीक के इस्तेमाल से मरीजों को होने वाले स्वास्थ्य संबंधी लाभ विषय पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह तकनीक किस तरह से पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अधिक सटीक परिणाम देती है।
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