सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की हदें पार करने की होड़
सोशल मीडिया पर लोकप्रियता पाने के लिए इन्फ्लुएंसर ने खतरनाक हरकतें की हैं। अमेरिकी यूट्यूबर पोल्याकोव को अंडमान में एक प्रतिबंधित द्वीप पर घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एक अन्य इन्फ्लुएंसर ने...

अपने सोशल मीडिया पर ज्यादा लाइक्स और व्यूज पाने की होड़ में इंफ्लुएंसर ऐसी हरकतें कर रहे हैं, जो उनके लिए ही नहीं बल्कि प्रकृति और जीवों के लिए भी खतरनाक होती जा रही हैं.मार्च 2025 में, अमेरिकी यूट्यूबर मिखाइलो विक्टोरोविच पोल्याकोव को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर अवैध रूप से घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड दुनिया की सबसे अलग-थलग रहने वाली सेंटिनलीज जनजाति का घर है.यहां बाहरी लोगों का आना पूरी तरह से प्रतिबंधित है क्योंकि इन जनजातियों का बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं है और उन्हें सामान्य बीमारियों से भी खतरा है.पोल्याकोव 24 साल के एक अमेरिकी यूट्यूबर हैं.वह अपने रोमांचकारी वीडियो के लिए मशहूर हैं.उन्होंने अपनी इस यात्रा को फिल्माने का प्रयास किया.उन्होंने एक छोटी नाव का इस्तेमाल कर के द्वीप के करीब पहुंचने की कोशिश की.उनके पास एक डाइट कोक और एक नारियल था जिसे वह जनजाति के लोगों को देने की कोशिश कर रहे थे.पुलिस के मुताबिक, पोल्याकोव ने करीब एक घंटे तक सीटी बजाकर सेंटिनलीज का ध्यान खींचने की कोशिश की.उसके बाद, वह करीब पांच मिनट के लिए द्वीप पर उतरे.
इस दौरान उन्होंने द्वीप से कुछ चीजें जमा की, वीडियो शूट किया और अपना "गिफ्ट" वहां छोड़ दिया.बाद में उन्होंने मीडिया से कहा कि वह आदिवासियों के लिए कोका कोला छोड़ना चाहते थे.पुलिस के अनुसार, पोल्याकोव ने इससे पहले अक्टूबर 2024 में भी इसी द्वीप पर जाने की कोशिश की थी लेकिन होटल के स्टाफ ने उन्हें रोक दिया था.अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पुलिस प्रमुख एचजीएस धालीवाल ने बताया कि पोल्याकोव के गोप्रो कैमरे की फुटेज ने द्वीप पर उनके अवैध प्रवेश को रिकॉर्ड कर लिया.उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.जानवरों के साथ क्रूरताएक और घटना में अमेरिकी हंटिंग इन्फ्लुएंसर सैम जोन्स ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह ऑस्ट्रेलिया में एक नन्हे वॉम्बैट को उसकी मां से अलग कर रही थीं.वीडियो में मादा वॉम्बैट अपने बच्चे के पीछे भागती दिख रही थी.जानवरों के विशेषज्ञों ने इसे न केवल क्रूरता कहा बल्कि इसे कानूनी रूप से गलत भी बताया.ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस घटना पर नाराजगी जताई.सोशल मीडिया का प्रभाव लुप्तप्राय प्रजातियों पर भी पड़ा है.
यूरोप में पाए जाने वाले दुर्लभ पक्षी कैपर्केली की ब्रीडिंग स्पॉट्स पर इन्फ्लुएंसर्स की भीड़ जमा हो रही है.इससे उनके प्रजनन में समस्याएं आ रही हैं और उनके कुदरती बसेरे भी खतरे में पड़ रहे हैं.विशेषज्ञों का कहना है कि इन प्रजातियों के जीवन पर ये असर विनाशकारी हो सकता है.बढ़ती जा रही हैं घटनाएंजनजातीय अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था सर्वाइवल इंटरनेशनल ने इस तरह की घटनाओं की कड़ी निंदा की है.संगठन की डायरेक्टर कैरोलाइन पियर्स ने इसे "बेहद खतरनाक" बताया.पोल्याकोव की हरकत पर जारी एक बयान में उन्होंने कहा, "ऐसी बेवकूफी भरी हरकत यकीन से परे है.ये सिर्फ उसकी जान ही नहीं, बल्कि पूरी सेंटिनलीज जनजाति की जान को खतरे में डाल रही है" पियर्स ने यह भी बताया कि बाहर की सामान्य बीमारियां, जैसे फ्लू या मीजल्स, आदिवासियों के लिए जानलेवा हो सकती हैं.पियर्स ने याद दिलाया कि सेंटिनलीज जनजाति ने कई बार बाहरी दुनिया से संपर्क ना करने की इच्छा स्पष्ट कर दी है.2018 में एक अमेरिकी मिशनरी, जॉन एलेन चाऊ, को भी इस जनजाति के लोगों ने मार दिया था.उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया भर में आम जीवन से कटी हुई जनजातियों की जमीनों पर बाहरी लोगों के हमले बढ़ रहे हैं.ब्राजील के अमेज़न में लकड़हारों और सोना खनिकों के कारण कई जनजातियां खतरे में हैं.
वहीं, भारत की ग्रेट निकोबार आइलैंड को "भारत का हांगकांग" बनाने की योजना भी वहाँ की शॉम्पेन जनजाति के लिए बड़ा खतरा बन सकती है.इन घटनाओं से साफ है कि सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने की होड़ में लोग सभी हदें पार कर रहे हैं.इससे न सिर्फ जानवरों और जनजातियों को नुकसान हो रहा है बल्कि कई बार कानून का उल्लंघन भी हो रहा है.जरूरी गाइडलाइन्सविशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को स्थानीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए और किसी भी जगह या जनजाति में घुसने से पहले वहां के कानूनों की जानकारी लें और उनका पालन करें.जानवरों और इंसानों की भलाई का ध्यान रखें.ऐसी हरकतों से बचें जो जानवरों या लोगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.किसी भी गतिविधि से पहले अनुमति लें और जानकारों से सलाह लें.किसी भी जनजाति या वन्य जीवों से संपर्क करने से पहले उचित अनुमति लें और जानकारों से सलाह करें.विशेषज्ञों के मुतबिक सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने की होड़ में कुछ इन्फ्लुएंसर्स बुनियादी मानवीय संवेदनाओं और कानून की सीमाओं को पार कर रहे हैं, इसलिए सरकारों और संगठनों को चाहिए कि वे कानूनों का सख्ती से पालन कराएं.साथ ही, इन्फ्लुएंसर्स को भी चाहिए कि वे अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल जागरूकता और सकारात्मकता फैलाने के लिए करें.