जी20 में जासूसी करने आया चीनी मेहमान? संदिग्ध बैग की जांच से करता रहा इनकार, 12 घंटे तक चला ड्रामा
जब सुरक्षाकर्मियों ने प्रतिनिधि को अपने बैग को स्कैन कराने के लिए कहा तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। सिक्योरिटी मेंबर्स की ओर से उन्हें समझाने की कोशिश की गई कि यह अनिवार्य जांच है।
क्या जी20 समिट के दौरान चीनी अधिकारी अपने साथ 'सर्विलांस डिवाइस' लेकर आया थे? दरअसल, यह सवाल उस वक्त खड़ा हुआ जब नई दिल्ली के पांच सितारा ताज होटल में एक चीनी प्रतिनिधिमंडल को असामान्य बैग के साथ देखा गया। यह संदिग्ध बैग आकार में काफी बड़ा था जिसे लेकर सुरक्षा संबंधी चिंता बढ़ गई। इस अजीबोगरीब बैग ने ताज पैलेस होटल में सुरक्षा अधिकारियों का ध्यान खींचा। रिपोर्ट के मुताबिक, राजनयिक प्रोटोकॉल के चलते सुरक्षाकर्मियों ने बैग को अंदर लेकर जाने की इजाजत दे दी।
हालांकि, कमरे में पहुंचते ही एक स्टाफ मेंबर ने बैग में कुछ संदिग्ध उपकरण होने की सूचना दी। इसे लेकर स्टाफ के सीनियर कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया। इसके बाद स्टाफ मेंबर्स के बीच तुरंत राय-मशवरा हुआ और बैग को स्कैनर के जरिए चेक करने के लिए कहा गया। इसके चलते स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। क्योंकि जब सुरक्षाकर्मियों ने प्रतिनिधि को अपने बैग को स्कैन कराने के लिए कहा तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। सिक्योरिटी मेंबर्स की ओर से उन्हें समझाने की कोशिश की गई कि यह अनिवार्य जांच है। इसके बावजूद चीनी अधिकारी बैग की जांच कराने से मना करता रहा, खासतौर से उसमें रखी सामग्री की।
प्राइवेट इंटरनेट कनेक्शन की भी रखी गई मांग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जी20 सम्मेलन के लिए इससे पहले जो भी प्रतिनिधि आए थे उन्हें अनिवार्य चेकिंग से गुजरना पड़ा। बस इस चीनी व्यक्ति को छोड़कर, जो लगातार इससे इनकार करता रहा। सुरक्षाकर्मियों का शक उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ गया जब उन्हें पता चला कि चीनी प्रतिनिधि ने 'अलग और प्राइवेट इंटरनेट कनेक्शन' की मांग की। होटल स्टाफ की ओर से उसकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया गया। इस पूरे मामले को लेकर करीब 12 घंटे तक हंगामा होता रहा और दोनों पक्षों की ओर से खूब बहसबाजी हुई। चीनी स्टाफ सुरक्षा संबंधी चिंताओं को सुनने को तैयार ही नहीं था।
संदिग्ध उपकरण भेजा गया चीनी दूतावास
पुलिस अधिकारियों ने भी चीनी प्रतिनिधि को समझाने की कोशिश की। आखिरकार वह अधिकारी चीनी दूतावास चला गया। इस तरह यह समस्या हल हो गई क्योंकि चीनी होटल से संदिग्ध उपकरण हटाने और दूतावास भेजने पर सहमत हो गए। सूत्रों के हवाले से कहा गया, 'तीन सदस्यीय सुरक्षा दल को करीब 12 घंटे तक कमरे के बाहर पहरा देना पड़ा, जब तक कि एक चीनी सुरक्षा अधिकारी वापस नहीं लौटा। क्योंकि उसने इस संदिग्ध सामान को दूतावास भेजने की बात कही थी।' जब इस उपकरण के बारे में पूछा गया तो शीर्ष अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि कुछ दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें इनकी जांच करने का मौका ही नहीं मिला।