ध्रुव योग में शरद पूर्णिमा पर कल होगी चांद से अमृत वर्षा
शरद पूर्णिमा बुधवार को मनाई जाएगी लखनऊ, संवाददाता। अश्विन शुक्ल पक्ष की
शरद पूर्णिमा बुधवार को मनाई जाएगी लखनऊ, संवाददाता।
अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार शरद पूर्णिमा बुधवार को मनाई जाएगी। शरद पूर्णिमा को कौमुदी व्रत, कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन चांद अपनी पूरी 16 कलाओं से युक्त होता है। इस दिन चंद्रमा की चांदनी अमृत से युक्त होती है।
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्तूबर की रात 8:40 बजे पर होगा। अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का समापन 17 अक्तूबर शाम 4:55 बजे पर होगा। चंद्रोदय का समय 5:05 बजे रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. आनंद दुबे ने बताया कि बुधवार को पूर्णिमा पर काफी खास संयोग बन रहा है। इस दिन धुव्र योग के साथ उत्तराभाद्र और रेवती नक्षत्र भी बन रहा है। चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. रवि प्रकाश मिश्रा ने बताया कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने रास लीला की थी, इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन रात में गाय के दूध की खीर बनाकर अर्द्ध रात्रि को भगवान को भोग लगाकर खीर को चांदनी रात में रखना चाहिए। ऐसा करने से चंद्रमा की किरणों से अमृत प्राप्त होता है। आचार्य देव ने बताया कि अर्ध रात्रि में चंद्रमा को भी अर्ध्य देना चाहिए। पूर्णिमा की चांदनी औषधि गुणों से युक्त होती है। इसमें रखी खीर का सेवन करने से हमारे चंद्र ग्रह संबंधी दोष जैसे कि कफ सर्दी छाती के रोग, मानसिक कष्ट या डिप्रेशन की समस्या, हार्मोनल संबंधी बीमारी में लाभकारी है।
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