Ekdant sankashti chaturthi vrat katha: एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत कथा पढ़ने या सुनने के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। यहां पढ़ें एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत-
Ekdant Sankashti Chaturthi Chand Time: एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है। इस जिन व्रत करने वाले भक्त चंद्रमा की भी विधिवत पूजा करते हैं व अर्घ्य देते हैं। जानें एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर चांद दिखने का समय-
देवर्षि नारद भगवान के विशेष कृपापात्र और लीला-सहचर हैं। भगवान के अवतरण के समय ये उनकी लीला के लिए भूमिका तैयार करते हैं।
मन में किसी भी प्रकार की इच्छा न हो, इसकी कामना करना भी एक इच्छा है। अनंत इच्छाओं के अधीन मन को साधना सरल नहीं है। इस बेकाबू मन को काबू में करने के लिए ध्यान जरूरी है और ‘ध्यान’ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वैराग्य जरूरी है
रत्न शास्त्र में 9 रत्न और 84 उपरत्न होते हैं। हर ग्रह का एक रत्न होता है। ये 9 रत्न हैं- मूंगा,मोती,माणिक्य,पुखराज,पन्ना, नीलम,गोमेद,हीरा और लहसुनिया। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार रत्नों को बिना ज्योतिषीय सलाह के धारण नहीं करना चाहिए।
वाराणसी में एक ज्योतिष ज्ञान शिविर का उद्घाटन किया गया, जहां भाल रेखाओं के महत्व पर चर्चा की गई। डॉ. गणेशदत्त शास्त्री ने बताया कि ये रेखाएं व्यक्ति की बुद्धि, भावनाएं और जीवनशैली को दर्शाती हैं।...
आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मानव जाति के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।
- भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा के विद्वानों ने पीतांबरा पीठ मां बगलामुखी मंदिर में किया पूजन देश में उत्पन्न भावी युद्ध की स्थिति पर मां बगलामुखी
Sita Navami 2025 : हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि सीता नवमी मनाई जाती है। इस दिन को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है।
पलियाकलां में बजाज चीनी द्वारा आयोजित छह दिवसीय स्थापत्य वास्तु कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन, आचार्य सुशील बलूनी ने संख्या ज्योतिष पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ग्रहों का सही ज्ञान और आचरण से जीवन में...