Trump now has evil eye on money sent from the US, proposes to impose 5 percent remittance tax India to lose billions US से भेजे जाने वाले पैसे पर अब ट्रंप की बुरी नजर, 5% कर लगाने का प्रस्ताव; भारत को अरबों का नुकसान, International Hindi News - Hindustan
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US से भेजे जाने वाले पैसे पर अब ट्रंप की बुरी नजर, 5% कर लगाने का प्रस्ताव; भारत को अरबों का नुकसान

डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार सत्ता में आने के बाद से अमेरिका को फिर महान बनाने के उद्देश्य से दूसरे देशों पर भारी टैक्स लाद रहे हैं। हाल ही में उन्होंने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था। हालांकि, विरोध और टकराव की वजह से उसे 90 दिन के लिए रोक दिया गया है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 16 May 2025 03:06 PM
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US से भेजे जाने वाले पैसे पर अब ट्रंप की बुरी नजर, 5% कर लगाने का प्रस्ताव; भारत को अरबों का नुकसान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ भूख अब तक शांत नहीं हुई है। अब ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में काम कर रहे विदेशियों द्वारा अपने परिजनों, रिश्तेदारों या अपने देश भेजे जाने वाली रकम पर भी भारी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। यानी अमेरिका से विदेशों में भेजे जाने वाले धन पर भी टैक्स (remittance tax) लगाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव ने वहां काम कर रहे लाखों विदेशियों की चिंता बढ़ा दी है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है तो इससे भारत को सालाना अरबों रुपये का नुकसान हो सकता है।

अमेरिकी संसद में 389 पन्नों वाला एक बिल पेश किया गया है, जिसका शीर्षक है- 'द वन बिग ब्यूटीफुल बिल'। यह बिल आधिकारिक तौर पर यह प्रस्ताव करता है कि जो लोग अमेरिकी नागरिक नहीं हैं और अमेरिका से बाहर धन भेज रहे हैं, तो उनके सभी धन प्रेषण पर 5 फीसदी का कर लगाया जाएगा। यह बिल उन प्रवासी भारतीयों समेत तमाम विदेशियों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है जो नियमित तौर पर भारत में अपने परिवारों को पैसा भेजते हैं या अपने देश में नियमित निवेश करते हैं।

बिल एक राजकोषीय पैकेज

हालांकि, यह बिल एक राजकोषीय पैकेज है, जिसका उद्देश्य ट्रम्प-युग में टैक्स कटौती को जारी रखना और संघीय खर्च में कटौती करना है लेकिन इस बिल में पेज संख्या 327 पर धन प्रेषण पर 5 फीसदी कर का उल्लेख किया गया है जो सीधे तौर पर गैर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता है। बता दें कि अमेरिका न केवल दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों का केंद्र है, बल्कि भारत में धन प्रेषण का सबसे बड़ा स्रोत देश भी है।

अमेरिका में लगभग 45 लाख प्रवासी भारतीय

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमेरिका में लगभग 45 लाख प्रवासी भारतीय हैं, जिनमें लगभग 32 लाख भारतीय मूल के व्यक्ति हैं। इनमें से अधिकांश लोग या तो एच-1बी वीजा पर या तो एल-1 जैसे अस्थायी कार्य वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं, या ये लोग ग्रीन कार्ड धारक हैं, जिन्होंने अभी तक अमेरिकी नागरिकता हासिल नहीं की है। अगर अमेरिका प्रस्तावित धन प्रेषण कर लगाता है तो भारत पर इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है।

सालाना 1.6 अरब डॉलर का नुकसान

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत को वैश्विक स्तर पर 118.7 अरब डॉलर का धन विदेशों से प्राप्त हुआ था, जिसमें से लगभग 28 प्रतिशत यानी 32 अरब डॉलर अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका से आया था। अगर अमेरिका ने प्रस्तावित धन प्रेषण कर बिना छूट या किसी कटौती के हू-ब-हू पांच फीसदी लागू कर दिया तो अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों पर सालाना 1.6 अरब डॉलर का अतिरिक्त कर लग जाएगा।

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पैसे भेजने के समय ही कर कटौती

यह वह राशि होगी जो अमेरिका में रह रहे कमाऊ पूत देश में अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल, खान-पान या उनके स्वास्थ्य खर्च के तौर पर भेजते हैं। या कुछ लोग भारतीय रियल एस्टेट या म्यूचुअल फंड में मामूली निवेश करते हैं। इन सभी उद्देश्यों के लिए भेजी जाने वाली रकम पर ट्रंप प्रशासन 5 फीसदी कर वसूलने की तैयारी में है। प्रस्तावित बिल में कहा गया है कि 5 फीसदी कर धन-प्रेषण सेवा प्रदाता द्वारा पैसे भेजने के समय ही रोक लिए जाएंगे, जिससे पारंपरिक बैंक स्थानान्तरण और एनआरई/एनआरओ खाता लेनदेन दोनों प्रभावित होंगे।

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