आरक्षण से ही दलित भाइयों को सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि मिली है। जब उसी किताब में लिखा है कि लेदर मैन, वॉशर मैन लेकिन, निषाद को ‘फिशर मैन’ से बाहर करते हुए आरक्षण से दूर रखा गया। समाज का वोट फुसला कर ले रहे लेकिन हक नहीं दे रहे हैं। यह बीजेपी के कुछ विभीषणों की वजह से है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा की 9 सीटों का चुनाव परिणाम आने के बाद एलान किया है कि अब वह उपचुनाव नहीं लड़ेगी। इसीलिए मिल्कीपुर विधानसभा सीट से बसपा ने उम्मीदवार नहीं दिया है। वर्ष 2007 में आनंद सेन ने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद के चुनाव में बसपा दूसरे और तीसरे नंबर पर रही है।
मिल्कीपुर के जातीय समीकरण के हिसाब से करीब डेढ़ लाख दलित वोट हैं। इसमें से सर्वाधिक 55 हजार पासी वोट हैं। इन्हीं पासी वोटों पर भाजपा और सपा दोनों की निगाहें हैं। सपा सांसद अवधेश प्रसाद को अपने बेटे अजीत प्रसाद को यहां से जिताने के लिए अब और मेहनत करनी पड़ेगी।सजातीय वोटों में सेंधमारी का खतरा है।
बसपा प्रमुख मायावती को उनके जन्मदिन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बधाई दी है। दोनों ने बसपा प्रमुख के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की है। पार्टी उनके जन्मदिन को जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है। कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
अयोध्या में सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मानसिक और बौद्धिक दिवालिया बताया। उन्होंने यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी बुद्धि पर तरस आता है और यह उत्तर...
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री पति आशीष पटेल पर बहन पल्लवी पटेल की घेरेबंदी को तोड़ने के लिए खुद मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल भी उतर गई हैं। कहा कि किसी कार्यकर्ता के साथ साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल गुरुवार को यूपी पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) पर और हमलावर हो गए। यहां तक कह दिया कि एसटीएफ मेरे सीने पर गोली मारे। मेरे खिलाफ साजिश और षड्यंत्र बंद करे।
संगीत के क्षेत्र की एक और बड़ी शख्सियत शारदा सिन्हा का भी इस साल निधन हो गया। भोजपुरी और मैथिली लोक संगीत को लोकप्रिय बनाने वाली सिन्हा अपने भक्ति गीतों के जरिये छठ पूजा की आवाज बन गईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना छतरपुर-पन्ना जिले में केन नदी पर विकसित की जा रही है। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह यादव की एक फोटो शेयर की है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को सपा विधायकों के दो सवाल पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ऐसा भड़के कि उससे शुरू हुए हंगामे के बाद सरधना के विधायक अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
सीएम योगी ने संभल में प्रशासन के सर्च अभियान के दौरान मिले प्राचीन मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि संभल में आज से 46 साल पहले जिस मंदिर को बंद कर दिया गया था, वो मंदिर सबके सामने आ गया।क्या संभल में वो प्राचीन मंदिर रातोंरात प्रशासन ने बना दिया?
पहला मौका है जब भाजपा में मंडल अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष पद तक के लिए उम्र का मानक तय किया गया है। मंडल अध्यक्ष के लिए आयु सीमा 35 से 45 साल तय की गई है जबकि जिलाध्यक्ष 45 से 60 साल तक की उम्र वाले ही बनाए जाएंगे। मंडल अध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी करनी होगी।
बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए कोचिंग शिक्षक अवध ओझा के यूपी-बिहार के लोगों पर दिए बयान पर कड़ा एतराज जताया है।
अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति बदलते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हाथ मिलाया और 'दो लड़कों की जोड़ी' हिट हो गई। लेकिन हाल में यूपी की नौ सीटों पर हुए उपचुनाव और मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सपा-कांग्रेस दोनों के लिए गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा।
स्वामी ब्रह्मानंद के 130वें जन्मोत्सव पर ब्रह्मानंद महाविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महाविद्यालय विश्वविद्यालय बनना स्वामी जी को सच्ची...
भाजपा की जोरदार तैयारियों को देखते हुए इस सीट को जीतने के लिए सपा के सामने मुश्किलें बढ़ गईं हैं। चुनाव आयोग मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का ऐलान कभी भी कर सकता है। यह चुनाव भी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बनाम ‘पीडीए’ की पिच पर ही लड़ा जाना है। ऐसे में सपा के लिए पीडीए को एकजुट रखना सबसे मुश्किल काम है।
बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में खिसक रहे आधार वोट बैंक को बामफेस के सहारे फिर से खड़ा करने जा रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसकी जिम्मेदारी बामसेफ के जिलाध्यक्षों को दी है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि अमन-चैन बिगाड़ने की मंशा रखने वालों का मकसद विकास नहीं हो सकता है।उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा प्रदेश को दंगों और झगड़ों की आग में झोंक रही है।
बसपा प्रमुख मायावती ने 2007 के फार्मूले के आधार पर फिर से सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है। कोआर्डिनेटरों की टीम में मुस्लिमों और ब्राह्मणों को स्थान देकर उन्हें अपनी बिरादरी के लोगों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है।
बसपा प्रमुख मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद शनिवार को समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की तरह भाजपा भी सांप्रदायिक एजेंडे पर काम करती है। इससे हमें सावधान रहने की ज़रूरत है।
अब उपचुनाव का बिगुल अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में बजेगा। निर्वाचन आयोग इस उपचुनाव की तिथियां जब भी घोषित करे भाजपा हर समय चुनाव के लिए तैयार बैठी है। भाजपा यूपी के साथ ही पूरे देश को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या जिले में भाजपा की पकड़ कमजोर नहीं पड़ी है।
मुलाकात के वक्त पत्नी नसीम सोलंकी को जीत की मुबारकबाद देते हुए इरफान सोलंकी रो पड़े। मुलाकात के बाद जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए नसीम सोलंकी ने कहा कि लम्बे समय बाद आज मुलाकात हुई तो वह काफी भावुक हो गए थे। वह और बेटी भी मुलाकात के दौरान रो पड़ीं।
बिना किसी शोर और प्रचार के BJP संगठन ने बूथ लेबल तक वृहद रणनीति से काम शुरू किया। पन्ना प्रमुख जो BJP की सबसे छोटी इकाई है, उसे सक्रिय किया गया। पन्ने पर दर्ज एक-एक वोटरों को साधने की रणनीति अपनाई गई। 10 वोटर पर एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई। ये कार्यकर्ता उन वोटरों से लगातार संपर्क में रहे।
आसपा अब सूबे में BSP की तर्ज पर ही भाईचारा और बूथ कमेटियों का गठन करने जा रही है। पार्टी का दलित-मुस्लिम गठजोड़ और गुर्जर सम्मेलन करना भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कभी अपनी सोशल इंजीनियरिंग की राजनीति के बूते सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने वाली BSP की राजनीतिक चमक अब फीकी पड़ती जा रही है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम के साथ ही कोआर्डिनेटरों पर फोड़ना शुरू कर दिया है। चुनाव परिणाम आने के साथ ही मंडलीय कोआर्डिनेटरों को हटाने और उनके स्थान पर नए को लगाया गया है।
उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जादू जमकर चला। उनके बटेंगे तो कटेंगे...के नारे का असर दिखाई दिया। वहीं मिशन-2027 के लिए भारतीय जनता पार्टी के संगठन और सरकार के लिए अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं। क्या हैं ये चुनौतियां?
मायावती ने आरोप लगाया कि 2007 में यूपी में BSP की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद परेशान कांग्रेस, भाजपा और अन्य पार्टियों को चिंता हो गई कि कहीं BSP केंद्र की सत्ता में न आ जाएं। तब इन्होंने पर्दे के पीछे से दलित समाज के बिकाऊ और स्वार्थी लोगों के जरिए अनेकों पार्टियां बनवा दीं।
60 फीसदी वाले कुंदरकी में ठाकुर रामवीर सिंह की जीत को जहां BJP की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है वहीं समाजवादी पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है। कुंदरकी में सपा के उम्मीदवार की जमानत तक जब्त हो गई है। अखिलेश का आरोप है कि लोग अपनी व्यथा बताने के लिए लखनऊ आ रहे थे। उन्हें सीतापुर में रोक दिया गया।
नगीना से सांसद बनने के बाद उपचुनाव में आसपा को हासिल मतों ने पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नई जान फूंक दी है। नगीना में भी चंद्रशेखर की जीत का आधार दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना था। इसी आधार पर उसने अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया है। उपचुनाव के नतीजों से भी यह पूरी तरह से साफ हो चला है।
बसपा सुप्रीमो मायावती पश्चिमी यूपी से आती हैं और वह जाटव बिरादरी से हैं। इसीलिए कहा जाता था कि जाटव वोट बैंक एक साथ होकर बसपा के साथ जाता है, लेकिन अब चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) इसमें सेंधमारी करती हुए दिख रही है।