आपकी अति अशोभनीय…, अखिलेश ने डिप्टी CM ब्रजेश पाठक को पत्र लिख दिया जवाब; जानें मामला
अखिलेश यादव ने लिखा-‘हमने उप्र के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर अपना आपा खो बैठे। आइंदा ऐसा न हो, हमने यह आश्वासन उनसे तो ले लिया है…।

UP Politics: यूपी की सियासत में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बीच डीएनए के नाम पर विवाद जारी है। डिप्टी सीएम के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अभद्र पोस्ट करने को लेकर भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की ओर से दी गई तहरीर पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। इस बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को एक्स के जरिए पत्र लिखकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। साथ ही दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील भी की है।
इस पत्र में अखिलेश यादव ने लिखा-‘हमने उप्र के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर अपना आपा खो बैठे। आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाज़ी निंरतर करते आये हैं उस पर भी विराम लगेगा। आप जिस स्तर के बयान देते हैं वो भले आपको अपने व्यक्तिगत स्तर पर उचित लगते हों लेकिन आपके पद की मर्यादा और शालीनता के पैमाने पर किसी भी तरह उचित नहीं ठहाराये जा सकते हैं।
एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में आपसे ये अपेक्षा तो है ही कि आप ये समझते होंगे कि किसी के व्यक्तिगत ‘डीएनए’ पर भद्दी बात करना दरअसल किसी व्यक्ति नहीं वरन् युगों-युगों तक पीछे जाकर उसके मूलवंश और मूल उद्गम पर आरोप लगाना है। जैसा कि सब जानते हैं कि हम यदुवंशी हैं और यदुवंश का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है अतः ऐसे में आपके द्वारा हमारे डीएनए पर किया गया प्रहार धार्मिक रूप से भी हमें आहत करता है। हम जानते हैं कि आपका धर्म-प्रधान व्यक्तित्व ऐसा नहीं है कि वो भगवान श्रीकृष्ण के प्रति ऐसी दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी कर सकता है परंतु एक सामान्य भोला व्यक्ति जो भगवान श्रीकृष्ण ही नहीं बल्कि किसी भी भगवान में विश्वास करता है वो आपकी टिप्पणी को अन्यथा भी ले सकता है। ऐसे में आपसे आग्रह है कि राजनीति करते-करते न अपनी नैतिकता भूलिए और न ही धर्म जैसी संवेदनशील भावना को जाने-अंजाने में ठेस पहुंचाइए।
आशा है आप अपनी टिप्पणी के लिए अपने अंदर बैठे हुए उस अच्छे इंसान से क्षमा माँगेंगे, जो पहले ऐसा न था। आप यदि एकांत में बैठकर अपने विगत वर्षों के व्यवहार, विचार और व्यक्तित्व का निष्पक्ष अवलोकन-आलोचन करेंगे तो पाएंगे कि मूल रूप से आपके विचारों में पहले कभी भी ऐसा विचलन न था, न ही आपकी राजनीतिक आकांक्षाएं ऐसी थीं कि आप व्यक्तिगत स्तर पर आदर्श को भूल जाएं और अपना शाब्दिक संतुलन खो बैठें। आशा है इस बात को यहीं ख़त्म समझा जाएगा और राजनीति की शुचिता को बचाए-बनाए रखने के लिए आप नकारात्मक राजनीति की संगत से यथोचित दूरी बनाकर अपने विवेक और विचार को पुनः सही दिशा की ओर मोड़ेंगे। एक जनसेवक होने के नाते हम सबके पास जनसेवा के लिए वैसे भी समय हमेशा कम रहता है, ऐसे में व्यर्थ के विषयों में न उलझकर हमें सकारात्मक राजनीति के उद्देश्यों पर अडिग रहकर आगे बढ़ते रहना चाहिए।’
ब्रजेश पाठक ने अखिलेश पर बोला था हमला
इसके पहले सपा मीडिया सेल की ओर से एक्स पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी अखिलेश यादव पर हमला बोला था। हालांकि देर शाम सपा ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को आरोप-प्रत्यारोप में भाषाई संयम रखने की नसीहत देते हुए एक्स पर यह पोस्ट डिलीट कर दी थी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को टैग करते हुए शनिवार को एक्स पर लिखा कि अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है!! किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति, आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? ब्रजेश पाठक ने लिखा कि क्या आदरणीया डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? सोचिएगा!