गेहूं क्रय केंद्रों पर पसरा सन्नाटा, आढ़तियों ने खरीद लिए
Gangapar News - गेंहू क्रय केन्द्रों पर पसरा सन्नाटामेजा। गेहू क्रय केन्द्रों पर पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ है। दस हजार क्विंटल खरीद का लक्ष्य पाने के लिए क्रय केन

गेहूं क्रय केन्द्रों पर पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ है। दस हजार क्विंटल खरीद का लक्ष्य पाने के लिए क्रय केन्द्रों के प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में किसानों के घर पहुंच गेहूं सरकारी केन्द्रों पर बेचने की बात कर रहे हैं। उधर किसान अपना गेहूं आढतियों के हाथ बेच कर नकद दाम ले चुके हैं। मेजा खास विपणन शाखा की प्रभारी शिखा पांडेय ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने पिछले वर्ष से अधिक गेहूं की खरीद कर रखा है। पिछले वर्ष दस हजार के सापेक्ष 22 सौ क्विंटल गेहूं की खरीद हो सकी थी, इस बार उनके केन्द्र पर 98 किसानों से 57 सौ क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है।
गेहूं खरीद करने के बाद 55 सौ क्विंटल खाद्य विभाग के गोदाम भेजा जा चुका है, सिर्फ ढाई सौ क्विंटल भेजना बाकी है, एक दो दिनों में यह गेहूं भी भेज दिया जाएगा। उधर मेजा तहसील क्षेत्र के चपरतला विपणन शाखा केन्द्र पर कुल 102 किसानों से 5300 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। विपणन शाखा के केन्द्र पर 74 किसानों से 4265 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। शाखा प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि गेहूं खरीद के लिए किसानों से संपर्क लगातार किया जा रहा है। डोरवा रामनगर स्थित विपणन शाखा की प्रभारी अर्चना तिवारी ने बताया कि उनके केन्द्र पर 49 किसानों से कुल 2775 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। इसमें 435 क्विंटल गेहूं भेजा जाना है, शेष गेहूं खाद्य विभाग के गोदाम पहुंच चुका है। अब गेहूं किसानों से मिलने की आशा कम है, जिन किसानों के यहां वह अपनी टीम के साथ पहुंच रही हैं, अधिकांश किसान अपना गेहूं बेच चुके हैं। सूत्रों की मानें तो सरकारी रेट दर से अधिक रेट पर किसानों का गेहूं आढ़तिए खरीद ले रहे हैं, जिससे किसान सरकारी क्रय केन्द्रों तक अपना गेहूं लेकर नहीं पहुंच सके। आढ़तियों को गेहूं खरीद की छूट मिलने से इस बार कई ऐसे भी व्यापारी गेहूं की खरीद कर लिए, जिनके पास गेहूं खरीद का लाइसेंस नही था। ऐसे व्यापारी बड़े व्यापारियों से मिलकर मनमानी ढंग से गेहूं की खरीद कर ली। हालत यह रहा कि आढ़तिए किसानों के घर अनाज तैयार होने से पहले पहुंच गेहूं उनके हांथ बेचे जाने की बात कर रखे थे, गेहूं जैसे ही तैयार हुआ, नकद दाम देकर गेहूं खरीद लिए। अब बड़े व्यापारी यही गेहूं आटा मिलरों को देकर दाम कमाएंगे। विपणन शाखा के अलावा अन्य सरकारी संस्थाओं ने गेहूं की खरीद न के बराबर कर रखी है।
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