जल संकट की ओर मुंबई! बचा सिर्फ 45 दिनों का पानी, दिल्लीवासी भी परेशान
Water Shortage: गुरुग्राम में भी लंबे समय से जल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित है। रहवासी आरोप लगा रहे हैं कि ऐसे में निजी टैंकर्स से 1500 से लेकर 5000 रुपये तक में टैंकर खरीदना पड़ रहा है।
प्रचंड गर्मी है, मानसून आया नहीं है और मुंबई के पास सिर्फ 45 दिनों के आसपास का पानी ही बचा है। बृह्नमुंबई महानगर पालिका के आंकड़े ये संकेत दे रहे हैं। हालांकि, राहत की खबर है कि फिलहाल मुंबई में पानी की कटौती की कोई योजना नहीं है। मुंबई के अलावा देश की राजधानी दिल्ली, हरियाणा के गुरुग्राम समेत कुछ शहरों में जल आपूर्ति को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।
मुंबई की स्थिति
एक मीडिया रिपोर्ट के अुसार, फिलहाल शहर में पानी का स्टॉक 15.6 फीसदी पर है, जिसे 2.5 लाख मिलियन लीटर के बराबर माना जाता है। 15 जून 2022 को यह आंकड़ा 12.24 फीसदी पर था। जबकि, इस तारीख पर 2021 में वॉटर स्टॉक 12.75 प्रतिशत था। अधिकारियों का कहना है कि प्रति एक फीसदी पानी मुंबई में तीन दिनों के पानी के इस्तेमाल के बराबर है।
कहां से आता है मुंबई का पानी
मुंबई को रोज के इस्तेमाल लायक पानी तानसा, भाटसा, मोदक सागर, तुलसी, वेहर, ऊपरी वैतरणा और मध्य वैतरणा से मिलता है। इनमें से अधिकांश झीलें मुंबई के बाहरी इलाकों और ठाणे, भिवंडी और नाशिक जैसे इलाकों में हैं। मॉनसून के दौरान इन झीलों में पानी भर जाता है और पूरे शहर में सप्लाई होता है।
गुरुग्राम में अलग ही संकट
गुरुग्राम में भी लंबे समय से जल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित है। रहवासी आरोप लगा रहे हैं कि ऐसे में निजी टैंकर्स से 1500 से लेकर 5000 रुपये तक में टैंकर खरीदना पड़ रहा है। सुशांत लोक 1, 2 और 3, सेक्टर 67, सेक्टर 57, सेक्टर 38, 48, सेक्टर 37 और द्वारका एक्सप्रेसवे, मनेसर और पालम विहार की सोसाइटीज में हालात बहुत ज्यादा खराब है।
गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी GDMA पर पानी की लाइनों से छेड़छाड़ के आरोप लग रहे हैं। GMDA के अधिकारी अभिनव वर्मा बताते हैं कि हर रोज करीब 7 करोड़ लीटर पानी की कमी आ रही है। उन्होंने कहा, 'हर रोज 640 मिलियन लीटर पर डे (MLD) की जरूरत है और हम 570 MLD सप्लाई कर रहे हैं।' GMDA के अधिकारियों का कहना है कि आपातकाल में ट्यूबवेल के जरिए MCG की मदद लेते हैं।
दिल्ली में भी परेशानी की आशंका
सोनीपत के बरवासनी गांव के पास चैनल्ट लाइन्ड कैनाल (CLC) का एक हिस्सा टूट जाने के कारण दिल्ली के करीब 30 लाख लोगों को पानी के धीमे प्रेशर का सामना करना पड़ सकता है। गुरुवार को आई परेशानी का यह असर दो-तीन दिनों तक रह सकता है। अधिकारियों का कहना है कि नहर पानी पहुंचाने का मुख्य जरिया है, जो हरियाणा से यमुना के पानी को दिल्ली लेकर आता है और दिल्ली जल बोर्ड के दो प्लांट्स में पहुंचाता है।
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