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फल्गु में उमड़ा आस्था का सैलाब, उगते आदित्य को अर्घ्य

फल्गु में उमड़ा आस्था का सैलाब, उगते आदित्य को अर्घ्य फल्गु में उमड़ा आस्था का सैलाब, उगते आदित्य को अर्घ्य

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाFri, 4 April 2025 06:58 PM
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फल्गु में उमड़ा आस्था का सैलाब, उगते आदित्य को अर्घ्य

लोक आस्था के महानुष्ठान छठ अंतिम दिन शुक्रवार की सुबह व्रती व श्रद्धालुओं की भीड़ नदी व तालाब के घाटों पर उमड़ी। गया शहर में सबसे ज्यादा भीड़ पितामहेश्वर घाट पर रही। व्रतियों ने नदी, तालाब, आहर-पोखर में उगते भगवान आदित्य को अर्घ्य दिया और सुख-समृद्धि की मंगलकामना की। श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रती महिलाओं ने हवन कर सूर्योपासना का चार दिवसीय की पुर्णाहूति की। व्रतियों के अलावा भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी दूध व जल से अर्घ्य अर्पित कर आदित्य को नमन किया। इसके बाद लोगों ने प्रसाद ग्रहण किए। सुबह घाटों की रौनक देखते बनी। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से जहां-जहां अर्घ्य पड़ा वहां का नजारा मेले सा दिखा।

फल्गु के कुंडों में रही अधीक भीड़

उदयगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शुक्रवार की सुबह फल्गु में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। फल्गु में पानी नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं ने भारी भीड़ के पूर्वी छोर की खोदे गए कुंड में ही अर्घ्य दिया। सबसे अधिक भीड़ पितामहेश्वर घाट पर रही। एक सूप पर 10 से 20 लोगों ने एक साथ अर्घ्य दिया। इसके बाद ब्राह्मणी घाट, केंदुई, सिंगरा स्थान सहित अन्य घाटों पर भीड़ रही। अर्घ्य देने के बाद व्रतियों और श्रद्धालुओं ने घाट पर ही हवन किया। करीब नौ बजे तक यहां भीड़ रही। पारण के साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन हो गया। सुबह भारी भीड़ को देखते हुए घाटों पर अस्थायी रूप से खुले चाट-पकौड़े, आइस्क्रीम की दुकानें खुलीं नजर आईंं। पूजा-पाठ के बाद लोगों ने इन दुकानों पर चटपटे और लजीज व्यंजनों का मजा लिया।

ग्रामीण इलाकों में आहर-पोखरों में अर्घ्यदान

चैती छठ को लेकर चार दिनों तक जिले के ग्रामीण इलाकों का माहौल भक्ति में सराबोर रहा। अनुष्ठान के अंतिम दिन शुक्रवार अर्घ्यदान के लिए व्रतियों के साथ उनके परिजन और श्रद्धालु सुबह खेत-खलिहान और पगडंडियों पर चलकर आहर-पोखर और कुंड के लिए निकल पड़े। व्रतियों के साथ चल रहीं महिलाएं और युवतियां श्रद्धा के साथ छठी मइया के गीत गाते तालाब, पोखर और कुंड पहुंचीं। यहां स्नानादि कर व्रतियों ने उगते हुई सूर्य को अर्घ्य दिया। व्रतियों के साथ-साथ उनके परिजन और श्रद्धालुओं ने दूध और जल से भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर उनकी आराधना की। जिले के ग्रामीण इलाकों में अर्घ्य स्थल का माहौल मेले सा दिखा। बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने जमकर मेले का मजा लिया।

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