सनातन को गालियां देने वाले 2024 में खत्म हो जाएंगे, रामदेव ने इंडिया पर भी रखी बात
सनातन को लेकर चल रहे विवाद के बीच योगगुरु रामदेव ने भी अपना पक्ष रखा है। रामदेव ने सोमवार को कहा कि जो सनातन को गालियां दे रहे हैं, सनातन को खत्म करने की बात कर रहे हैं 2024 में वो खत्म हो जाएंगे।
सनातन को लेकर चल रहे विवाद के बीच योगगुरु रामदेव ने भी अपना पक्ष रखा है। रामदेव ने सोमवार को कहा कि जो सनातन को गालियां दे रहे हैं, सनातन को खत्म करने की बात कर रहे हैं 2024 में वो खत्म हो जाएंगे, उनका सबका मोक्ष हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इसमें से कुछ भूत-पिशाच, राक्षस-ब्रह्मराक्षस बन करके और दूसरे-तीसरे लोक में पहुंच जाएंगे। योगगुरु ने आगे कहा कि यह सनातन का गौरव काल है। इस दौरान रामदेव ने भारत बनाम इंडिया की चल रही बहस पर अपनी राय रखते हुए कहा कि जिनके डीएनए में गड़बड़ी है, उन्हें इंडिया अच्छा लगता है।
कहा-सनातन पर सवाल खड़े करने वालों को मिलेगा जवाब
इस दौरान रामदेव ने कहा कि सनातन पर लांछन लगाकर उसे जातिवादी बताया जाता है। भेदभाव और अन्याय वाला बताया जाता है। ऐसा करने वाले लोग कुंठित बुद्धि वाले दुराग्रही लोग हैं। यह लोग किसी एजेंडे के तहत विदेशी ताकतों से सुपारी लेकर सनातन धर्म को खत्म करने की बात कर रहे हैं। योगगुरु ने कहा कि जो लोग सनातन पर सवाल खड़े कर रहे हैं ऋषि परंपरा को, भारत और भारतीयता को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे। उन्होंने कहा यह देश राजनीतिक तौर पर सामाजिक तौर पर बौद्धिक तौर उन सभी लोगों के जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हम जवाब देंगे भी और अंतत: सारे असुर पराजित होंगे।
भारत बनाम इंडिया पर भी बोले
बाबा रामदेव ने भारत और इंडिया को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत हजारों वर्ष पुरानी एक सनातन संस्कृति का उद्धोषक है। इसलिए हम तो भारत वाले हैं। जिन लोगों के डीएनए में थोड़ी गड़बड़ी है, उन लोगों को इंडिया शब्द अच्छा लगता है। हम तो भारत वाले हैं। भारत में योग है, आयुर्वेद है, सनातन संस्कृति है। उसके अंदर वेद हैं, पुराण हैं, ऋषि-मुनि हैं। इसलिए हम तो भारत और भारतीयता के उद्धोषक रहेंगे। जिनके अंदर अभी भी गुलामी है, आत्मग्लानि है। अपने आपको सनातनीय या भारतीय कहने में जिनके मन में कुंठा है, वह इंडियन कह रहे हैं अपने आपको। मेड इन भारत लिखने वाला कोई संस्थान है तो पतंजलि है। उन्होंने कहा कि गुलामी की निशानियों को मिटा करके, आत्मग्लानि, कुंठाओं से उभर करके देश को शौर्य पराक्रम और वीरता के साथ आगे बढ़ाने के संकल्प का कालखंड है।