Pitru Paksh shradh tarpan kaise karein-पितृपक्ष चल रहा है। ऐसे में पितरों को तर्पण किया जाता है। यह किस विधि से करना चाहिए औरइसके लिए किस चीज की जरूरत होती है, यहां जानें-
गया में पितृपक्ष के मौके पर पूर्वजों का पिंडदान करने देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। राज्य सरकार ने इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए 200 मिलीलीटर गंगाजल और टेंट सिटी में रहने की मुफ्त व्यवस्था की है। टेंट सिटी में 2500 शामियाना लगाया गया है।
Pitru Paksha 2nd Day : 19 सितंबर, गुरुवार के दिन पितृपक्ष का दूसरा दिन या द्वितीया श्राद्ध तिथि रहेगी। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के दूसरे दिन किन पितरों का श्राद्ध करना चाहिए, श्राद्ध करने का तरीका व परिवार के कौन से लोग श्राद्ध कर सकते हैं-
Shradh 2024 vidhi : इस साल पितृ पक्ष पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ हो रहे हैं, जो दो अक्टूबर की अमावस्या तक रहेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध कर्म से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
इस सप्ताह 18 सितंबर को पूर्णिमा, प्रतिपदा श्राद होगा, इसके बाद 19 को द्वितीया, 20 सितंबर को तृतीया, 21 सितंबर को चतुर्थी, 22 को पंचमी तिथि और 23 को षष्ठी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा।
Pitru Paksha 2024 : देव उपासना के बाद पितृ उपासना की परंपरा है। इससे देवताओं के साथ पितृ देवता भी प्रसन्न होकर मनुष्य के सुखी जीवन एवं वंशवृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पितरों के निमित्त अन्न, जल, वस्त्र, सोना आदि दान करने से अक्षय पुण्य फल मिलता है।
Shradh 2024, Pitru Paksha: इस साल 15 दिनों तक पितृपक्ष चलेंगे। इन 15 दिनों में पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने की परंपरा है। पितृ पक्ष में किए गए श्राद्ध कर्म से वंशजों का पितृ दोष दूर हो सकता है।
Pitru Paksha 2024 history significance पितृपक्ष से जुड़ी एक कहानी है कर्ण की। जिन्हें मृत्यु के बाद जब स्वर्ग लोक जाना पड़ा तो खाने में सोना मिला, जानें पितृपक्ष से जुड़ी इस कहानी के बारे में
Shradh धर्मशास्त्रों में श्राद्ध के अनेक भेद बताए गए हैं। भविष्य पुराण में बारह प्रकार के श्राद्धों का उल्लेख मिलता है। इन श्राद्धों के अलग-अलग उद्देश्य हैं, आइए जानें इनके बारे में
Pitru Paksha date and time in india: चतुर्दशी तिथि 17 सितंबर को पूर्वाह्न 11.09 बजे तक है, उसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। अत दोपहर में पूर्णिमा का श्राद्ध होगा। भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी शास्त्रत्तनुसार 17 सितंबर को होगी। कोई तिथि क्षय न होने से इस बाऱ पूरे 16 दिन के श्राद्ध होंगे।
इस साल 17 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध होगा। 18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध होगा। 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही पितृ पक्ष का समापन हो जाएगा। आइए जानते हैं पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण क्यों जरूरी होता है…
pitru paksha 2024 date and time: अगर आप भी पितरों का श्राद्ध कर्म कर रहे हैं, तो आपको अच्छे से इसके करने की विधि और समय पता होना चाहिए। यहां हम आपको बताएंगे की पितरों के तर्पण के लिए कौन सा समय उत्तम रहेगा।इस साल पितृ पक्ष 18 सितंबर से शुरू होकर दो अक्तूबर तक रहेगा।
भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष भी शुरू हो जाता है। श्राद्ध पक्ष को पितृ पक्ष भी कहा जाता है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से अमावस्या तक पितृ पक्ष रहता है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का महीना पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए होता है।
Pitru Paksha 2024 Shradha : पितर खुश रहें तो सुख-समृद्धि व वंश वृद्धि का आशीष प्राप्त होता है। इस साल मंगलवार के दिन 17 सितंबर, 2024 को पितृ पक्ष की शुरुआत होने जा रही है।
पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होती है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष रहता है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत अधिक महत्व होता है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
एक पौराणिक कहानी के अनुसार देवतागण और पितरों को पितृपक्ष में लगातार श्राद्ध का भोजन करने से परेशान हो गए । दोनों को अजीर्ण हो गया। ऐसे में सभी मिलकर ब्राह्मा जी के पास गए हैं।
पितृपक्ष मेले को देखते हुए गया और बोधगया के होटल फुल हो गए हैं। लोगों ने दो से तीन महीने पहले ही बुकिंग करा ली है। श्राद्धपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु गयाजी आकर अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान करते हैं।
Pitrupaksh भाद्रपद मास की पूर्णिमा के बाद से अश्विन मास शुरू हो जाएगा। इस महीने में 15 दिन पितरों के होते हैं। इस साल 17 सितंबर को स्नान-दान की पूर्णिमा है। इस साल पितृपक्ष का आरंभ भी 18 सितंबर दिन बुधवार से हो जाएगा । यहां जानें ग्रास के बारे में
पितृपक्ष मेला के लिए बिहार राज्य पर्यटन निगम ने पांच अलग-अलग टूर पैकेज जारी किए हैं। जो पांच कैटेगरी में हैं। विदेश में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए ई-पिंडदान की सुविधा भी पहले से दी गई है। वन नाइट और टू डे स्पेशल टूर पैकेज बनाया है। पिंडदान के बाद नालंदा और राजगीर भी घुमाने की सुविधा दी जा रही है।
पितरों का श्राद्ध आदि करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार पितृ पक्ष का आरंभ 17 सितंबर से हो रहा है और 2 अक्टूबर तक चलेगा। अपने पूर्वज पितरों के प्रति श्रद्धा भावना रखते हुए आश्विन कृष्ण पक्ष में पितृ- तर्पण और श्राद्ध कर्म करना नितान्त आवश्यक है
Pitrupaksh dates:पूर्वजों को मोक्ष दिलाने का महापर्व पितृपक्ष मेला 19 दिनों बाद शुरू होगा। 17 सितंबर को राजकीय मेले का उद्घाटन होगा। इसी दिन से देश के विभिन्न प्रदेशों से पिंडदानियों का आना शुरू हो जाएगा।
Pitru Paksha 2024 dates आपको बता दें कि अपने परिवार में तीन पीढ़ियों तक ही श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, उसके बाद श्राद्ध कर्म नहीं किए जाते हैं। स्वास्थ्य, समृद्धि, आयु, सुख- शान्ति, वंशवृद्धि एवं उत्तम सन्तान की प्राप्ति होती है।