सर्व पितृ अमावस्या के दिन किसका श्राद्ध करें?
- Sarva Pitru Amavasya: आज सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाएगा। श्राद्ध शुभ मुहूर्त, विधि व सही तिथि के अनुसार करना चाहिए। आइए जानते हैं पितृपक्ष सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध के दिन किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Sarva Pitru Amavasya: आज, बुधवार के दिन पितृ पक्ष का 15वां दिन पड़ रहा है। आज 15वें दिन को सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध के नाम से जाना जाएगा। सर्व पितृ अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में और सही तिथि पर पितृपक्ष श्राद्ध करना चाहिए। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के 15वें दिन या सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध को किसका श्राद्ध करना चाहिए, श्राद्ध की विधि व परिवार के किन लोगों द्वारा श्राद्ध किया जा सकता है-
सर्व पितृ अमावस्या के दिन किसका श्राद्ध करें?
2 अक्टूबर, बुधवार के दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध करें, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि तथा चतुर्दशी तिथि को हुई हो। जिन पूर्वजों की मृत्यु तिथि का पता न हो, उनका श्राद्ध भी सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर किया जा सकता है। दृक पंचांग के अनुसार, अगर कोई सम्पूर्ण तिथियों पर श्राद्ध करने में सक्षम न हो, तो वो मात्र अमावस्या तिथि पर श्राद्ध (सभी के लिए) कर सकता है। अमावस्या श्राद्ध को अमावस श्राद्ध के रूप में भी जाना जाता है। अमावस्या तिथि पर किया गया श्राद्ध, परिवार के सभी पूर्वजों की आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए पर्याप्त माना जाता है। इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वालों के किए महालय श्राद्ध भी अमावस्या श्राद्ध तिथि पर किया जाता है, न कि भाद्रपद पूर्णिमा पर। भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध पितृ पक्ष से एक दिन पहले पड़ती है, लेकिन यह पितृ पक्ष का भाग नहीं मानी जाती है। पितृ पक्ष, भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से शुरू होता है।
सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण, अपराह्न मुहूर्त आदि शुभ मुहूर्त माने गये हैं।
कैसे करें सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध कर्म: इस दिन घर के मुख्य द्वार पर फूल आदि डालकर पितरों का आह्वान करें। पहले यम के प्रतीक कौआ, कुत्ते और चींटी, गाय का ग्रास निकालें। पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प लें। कुश और काले तिल से तीन बार तर्पण करें। किसी ब्राह्मण को वस्त्र, फल, मिठाई आदि दान दें। जिन्हें ब्राह्मण नहीं मिल सके, वे भोजन आदि मंदिर में बांट सकते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध कौन कर सकता है: ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया, श्राद्ध तीन पीढ़ी तक किए जा सकते हैं और इन्हें करने का अधिकार पुत्र, पौत्र, भतीजे और भांजे को है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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