Hindi Newsधर्म न्यूज़Sarva Pitru Amavasya Shradh Niyam: What to do and what not to do on Sarva Pitru Amavasya 2024 know rules of Shradha Puja

सर्व पितृ अमावस्या पर क्या करें और क्या नहीं, जानें श्राद्ध पूजा के नियम

  • Sarva Pitru Amavasya Shradh Niyam: सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म करने से पितरों को संतुष्टि व शांति मिलती है। पितृ पक्ष श्राद्ध पूजा के लिए कुछ नियम हैं, जिनका ध्यान न रखने पर पितरों की नाराजगी की झेलनी पड़ सकती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 1 Oct 2024 02:04 PM
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Sarva Pitru Amavasya 2024: सनातन धर्म में सर्व पितृ अमावस्या का दिन खास महत्व रखता है। इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है, जिनकी मृत्यु तिथि पता न हो। बुधवार के दिन, 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या पड़ रही है, जिसे पितृ विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्राद्ध कर्म व दान-पुण्य करने से पितृ दोष भी दूर किया जा सकता है। पितृ पक्ष श्राद्ध पूजा के लिए कुछ नियम हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए आइए गरुड़ पुराण के अनुसार जानते हैं सर्व पितृ अमावस्या पर क्या करें और क्या नहीं, जानें श्राद्ध पूजा के नियम-

 

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सर्व पितृ अमावस्या पर क्या करें

काले तिल का इस्तेमाल- श्राद्ध कर्म करते वक्त काले तिल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। श्राद्ध का खाना बनाते समय, तर्पण देते समय और चावल के पिंड बनाते समय काले तिल का इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है की काले तिल में तीर्थ का जल समाहित होता है, जिससे पितर तृप्त होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।

ब्राह्मण भोज- सर्व पितृ अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है। मान्यता है ब्राह्मण भोज कराने से पितृ की आत्मा को शांति मिलती है।

कुश का इस्तेमाल- श्राद्ध की पूजा करते समय या तर्पण देते समय कुश का इस्तेमाल किया जाता है। पुराणों के अनुसार, तर्पण देने से पितरों को आत्मा को शांति मिलती है। वहीं, तर्पण हमेशा पितरों का नाम लेकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके देना चाहिए।

किसी को भूखा न जाने दें- गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पितर किसी भी रूप में आ सकते हैं। ऐसे में सर्व पितृ अमावस्या के दिन दरवाजें पर कोई भूला बिसरा व्यक्ति आ जाए तो उसे भोजन जरूर कराएं।

पंचबलि निकालें- मान्यताओं के अनुसार, ब्राह्मण भोज से पहले पंचबलि निकालने की परंपरा चली आ रही है, जिसका अर्थ है 5 प्रकार के प्राणियों के लिए भोजन निकालना। पंचबलि में पहला गाय, दूसरा कुत्ते के लिए, तीसरा कौवे के लिए, चौथा देवता के लिए व पांचवा चीटियों के लिए भोजन निकाला जाता है।

गीत का करें पाठ- सर्व पितृ अमावस्या के दिन गीत का पाठ करना बेहद लाभकारी माना जाता है।

दान-पुण्य करें- सर्व पितृ अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने से पितर खुश होते हैं और वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन अपनी क्षमता अनुसार धन, वस्त्र, अनाज व काले तिल का दान किया जाता है।

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सर्व पितृ अमावस्या पर क्या न करें- श्राद्ध का भोजन कभी भी रात्रि के समय नहीं कराना चाहिए। इस दिन घर के सदस्यों को तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं, ब्राह्मण भोज के दौरान ब्राह्मणों व परिवार के सदस्यों को मौन रहना चाहिए। श्राद्ध का भोजन केले के पत्तों व स्टील के बर्तनों में नहीं परोसना चाहिए। पत्तल, चांदी, तांबे, कांसे, के बर्तनों में भोजन परोसा जा सकता है। याद रखें कर्ज लेकर श्राद्ध नहीं करना चाहिए। इस दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए और न ही अपशब्द कहने चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

 

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