Hindi Newsधर्म न्यूज़Pitru Paksha 13th Day On 30 September whose Shradha should be performed Know Trayodashi Shradh 2024 vidhi

पितृ पक्ष त्रयोदशी तिथि के दिन किसका श्राद्ध करें?

  • Pitru Paksha 13th Day: 13वें दिन को त्रयोदशी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। सही समय के दौरान और सही तिथि पर पितृ पक्ष के दिनों में श्राद्ध करना जरूरी माना गया है। आइए जानते हैं पितृपक्ष त्रयोदशी श्राद्ध को किसका श्राद्ध करना चाहिए।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 30 Sep 2024 10:47 AM
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Pitru Paksha 13th Day : आज, सोमवार के दिन पितृ पक्ष का 13वां दिन पड़ रहा है। 13वें दिन को नवमी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। शुभ मुहूर्त में और सही तिथि पर पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करना जरूरी माना गया है। इसलिए आइए जानते हैं पितृ पक्ष के13वें दिन या त्रयोदशी श्राद्ध को किसका श्राद्ध करना चाहिए, श्राद्ध की विधि व परिवार के किन लोगों द्वारा श्राद्ध किया जा सकता है-

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पितृ पक्ष त्रयोदशी तिथि के दिन किसका श्राद्ध करें?

30 सितंबर, सोमवार के दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध करें, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की त्रयोदशी तिथि को हुआ हो। दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन शुक्ल पक्ष अथवा कृष्ण पक्ष दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है। त्रयोदशी श्राद्ध को तेरस श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। त्रयोदशी श्राद्ध तिथि मृत बच्चों के श्राद्ध के लिये भी उपयुक्त है। इस श्राद्ध तिथि को गुजरात में काकबली एवं बालभोलनी तेरस के नाम से भी जाना जाता है। नवमी श्राद्ध को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण, अपराह्न मुहूर्त आदि शुभ मुहूर्त माने गये हैं। तिथि ज्ञात न होने पर पितृ विसर्जन के दिन श्राद्ध करना चाहिए।

 

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कैसे करें त्रयोदशी श्राद्ध कर्म: इस दिन घर के मुख्य द्वार पर फूल आदि डालकर पितरों का आह्वान करें। पहले यम के प्रतीक कौआ, कुत्ते और गाय का ग्रास निकालें। पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प लें। कुश और काले तिल से तीन बार तर्पण करें। किसी ब्राह्मण को वस्त्र, फल, मिठाई आदि दान दें। जिन्हें ब्राह्मण नहीं मिल सके, वे भोजन आदि मंदिर में बांट सकते हैं।

त्रयोदशी श्राद्ध कौन कर सकता है: ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया, श्राद्ध तीन पीढ़ी तक किए जा सकते हैं और इन्हें करने का अधिकार पुत्र, पौत्र, भतीजे और भांजे को है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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