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चीन की कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की रेस में मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल

RIL-Haier Deal: मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) चीन की प्रसिद्ध कंपनी हेयर (Haier) के भारतीय ऑपरेशन में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में शामिल हो गई है।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानMon, 28 April 2025 08:55 AM
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चीन की कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की रेस में मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) चीन की प्रसिद्ध कंपनी हेयर (Haier) के भारतीय ऑपरेशन में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में शामिल हो गई है। वहीं, भारती ग्रुप के सुनील मित्तल का कंसोर्टियम, वॉरबर्ग पिंक्स, TPG, बुरमान परिवार (डाबर), गोल्डमैन सैक्स और सिंगापुर की GIC भी इस डील के लिए रेस में हैं। हेयर इंडिया अपने इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों के बिजनेस को भारत में मजबूत करने के लिए एक स्थानीय पार्टनर की तलाश में है। अगले कुछ हफ्तों में डील का ढांचा साफ होने की उम्मीद है। इसमें सरकारी मंजूरी और वैल्यूएशन पर बातचीत अहम होगी। हालांकि, रिलायंस और हेयर ने अभी तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।

ईटी की खबर के मुताबिक हेयर इंडिया अपनी 25% से 51% हिस्सेदारी बेचना चाहता है, जिसका वैल्यूएशन 2 से 2.3 बिलियन डॉलर (करीब 16,600-19,000 करोड़ रुपये) आंकी गई है। एमजी मोटर्स की तर्ज पर, हेयर एक भारतीय कंपनी को सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बनाना चाहता है।

रिलायंस क्यों ले रही दिलचस्पी

रिलायंस इस डील के लिए अकेले आगे बढ़ रहा है और हेयर के चीन स्थित मुख्यालय से सीधी बातचीत कर रहा है। रिलायंस रिटेल के जरिए इस डील को अंजाम दे सकता है। कंपनी बीपीएल और केल्विनेटर जैसे ब्रांड्स के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में पहले से मौजूद है।

हेयर का भारत में बिजनेस

2024 में हेयर इंडिया का टर्नओवर 8,900 करोड़ रुपये रहा, जो 2023 के मुकाबले 33% ज्यादा है। 2025 तक 11,500 करोड़ रुपये का टार्गेट है। इसके अलावा कंपनी की ग्रेटर नोएडा और पुणे में प्लांट्स के अलावा, आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु में नया प्लांट लगाने की योजना है।

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चीन-भारत तनाव का असर

भारत सरकार ने चीनी कंपनियों के निवेश पर PN3 नियम लगाए हैं, जिससे हेयर के ₹1,000 करोड़ के FDI प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली। हालांकि, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर वाले ज्वाइंट वेंचर्स को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।

अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर का प्रभाव

अमेरिका में टैरिफ बढ़ने से चीनी कंपनियों का फोकस अब भारत जैसे बाजारों पर है। LG इलेक्ट्रॉनिक्स के आईपीओ में देरी से हेयर को सतर्क किया गया है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह डील?

रिलायंस को इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में अपने ब्रांड्स (जैसे Reconnect, Wyzr) को मजबूत करने का मौका मिलेगा। वहीं, हेयर को भारत में लोकल पार्टनर मिलने से निवेश और एक्सपेंशन में आसानी होगी।

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