Hindi Newsधर्म न्यूज़Pitru Paksha 12th Day: On Magha Shradh whose Shradha should be performed Know Dwadashi Shradh 2024 vidhi

मघा श्राद्ध व द्वादशी पर किसका श्राद्ध करें? जानें कौन-कौन कर सकता है श्राद्ध

  • Pitru Paksha 12th Day: आज पितृ पक्ष का द्वादशी व मघा श्राद्ध है। पितृपक्ष में शुभ मुहूर्त व सही तिथि की जानकारी लेकर ही श्राद्ध कर्म करने चाहिए। आइए जानते हैं पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर किसका श्राद्ध करना चाहिए।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 29 Sep 2024 12:01 PM
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Pitru Paksha 12th Day : रविवार के दिन पितृ पक्ष का 12वां दिन पड़ रहा है। 12वें दिन को द्वादशी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। मघा नक्षत्र लगने से आज मघा श्राद्ध भी किया जाएगा। पितृ पक्ष में शुभ मुहूर्त के दौरान और सही तिथि पर ही श्राद्ध करना जरूरी माना गया है। इसलिए आइए जानते हैं पितृ पक्ष के मघा श्राद्ध व द्वादशी श्राद्ध के दिन किसका श्राद्ध करना चाहिए, श्राद्ध की विधि व परिवार के किन लोगों द्वारा श्राद्ध किया जा सकता है-

 

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मघा श्राद्ध व द्वादशी पर किसका श्राद्ध करें?

29 सितंबर, रविवार के दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध करें, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की द्वादशी तिथि को हुआ हो। द्वादशी श्राद्ध को बारस श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन शुक्ल पक्ष अथवा कृष्ण पक्ष दोनों ही पक्षों की द्वादशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है। जो लोग मृत्यु से पूर्व सन्यास ग्रहण कर लेते हैं, उनके श्राद्ध के लिये भी द्वादशी तिथि उत्तम मानी जाती है। द्वादशी श्राद्ध को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण, अपराह्न आदि शुभ मुहूर्त माने गये हैं। तिथि ज्ञात न होने पर पितृ विसर्जन के दिन श्राद्ध करना चाहिए।

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कैसे करें द्वादशी श्राद्ध कर्म: इस दिन घर के मुख्य द्वार पर फूल आदि डालकर पितरों का आह्वान करें। पहले यम के प्रतीक कौआ, कुत्ते और गाय का ग्रास निकालें। पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प लें। कुश और काले तिल से तीन बार तर्पण करें। किसी ब्राह्मण को वस्त्र, फल, मिठाई आदि दान दें। जिन्हें ब्राह्मण नहीं मिल सके, वे भोजन आदि मंदिर में बांट सकते हैं।

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द्वादशी श्राद्ध कौन कर सकता है: ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया, श्राद्ध तीन पीढ़ी तक किए जा सकते हैं और इन्हें करने का अधिकार पुत्र, पौत्र, भतीजे और भांजे को है। पूर्वजों की रुचि के भोजन, फल, मिष्ठान आदि का दान कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। उनका आशीर्वाद मिलने पर पितृ दोष तक से मुक्ति संभव है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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