हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर महीने दो एकादशी व्रत होते हैं। होली से पहले यानी होलाष्टक पर रंगभरी एकादशी पड़ती है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को रंगभरी एकाद
Jaya Ekadashi 2023 Date: एकादशी तिथि भगवान श्रीहरि को समर्पित मानी गई है। इस दिन कुछ व्रत नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। आप भी पढ़ें एकादशी व्रत नियम-
Safla Ekadashi 2022 Vrat Parana Time : आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी पर विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है।
पौष महीने की एकादशी यानी साल की आखिरी एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि जो इस दिन व्रत रखता है, उसका मांगा हुआ कार्य सफल होता है। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन औ
safla ekadashi 2022 : पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती हैं।
Safla Ekadashi Vrat : पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 19 दिसंबर को है। इस एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी पर विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है।
safla ekadashi vrat 2022 date puja : आचार्य संजय पाठक ने बताया कि ऐसी मान्यता मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत अपने नाम स्वरूप फल प्रदान करता है। इसके प्रभाव से हर कार्य सफल हो जाते हैं।
Safla Ekadashi Vrat : पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। कल यानी 19 दिसंबर को सफला एकादशी है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है।
safla ekadashi vrat : पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल 19 दिसंबर को सफला एकादशी है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है।
Safla Ekadashi 2022: साल के आखिरी एकादशी व्रत को लेकर लोगों के बीच असमंजस है कि किस दिन व्रत रखा जाएगा। अगर आप भी एकादशी व्रत रखते हैं तो जान लें कब रखें व्रत व व्रत नियम-
December 2022 Last Ekadashi: अगर आप साल का आखिरी एकादशी व्रत रखने जा रहे हैं तो यहां जान लें सफला एकादशी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व कथा-
safla ekadashi 2022 : पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। जानें इस सप्ताह के व्रत-त्योहार-
safla ekadashi 2022 : पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती हैं।
safla ekadashi 2022 : पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी साल की अंतिम एकादशी होती है और इस एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है।
Mokshada Ekadashi December 2022: आज मोक्षदा एकादशी है। मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष एकादशी को मोक्षदा एकादशी व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों को भी मोक्ष मिलता है।
Mokshada Ekadashi 2022 Kab Hai: मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली कहा गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यताएं हैं।
Mokshada Ekadashi 2022 Shubh Muhurat and Vrat Paran Time: जो भक्तगण मोक्षदा एकादशी व्रत रखने जा रहे हैं, वे यहां जान लें व्रत पारण का समय व अन्य खास बातें-
अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी के बारे में कहा जाता है कि इस व्रत को रखने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार एकादशी तिथि को लेकर कंफ्यूजन है। दरअसल इस
Mokshada Ekadashi 2022 Importance: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत बेहद शुभ फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
मोक्षदा एकादशी भगवान विष्णु की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। मोक्षदा एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
Mokshada Ekadashi 2022 : मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। मोक्ष मिलने के कारण इसे बैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी पर व्रत रखने से मोक्ष मिलता
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
December ekadashi 2022: एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं। महीनें में दो, एक कृष्ण पक्ष की और एक शुक्ल पक्ष की। दोनों एकादशियों का व्रत रखा जाता है। एकदाशी का व्रत भगवान विष्णु के समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण क
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहते हैं। इस महीने यह एकादशी 20 नवंबर दिन रविवार को है। रविवार को एकादशी प्रातः 10:41 तक है। उसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ होगी। एकादशी का व्रत द्वादशी
Utpanna Ekadashi 2022: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी व्रत मनाने की अनूठी परम्परा है। इसी दिन एकादशी माता की उत्पति हुई थी। इसीलिए इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है।
हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का खास महत्व है। इस दिन को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है।
Utpanna Ekadashi : मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। 20 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है।
Utpanna Ekadashi Date 2022 : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। 20 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है।
भौतिक (सांसारिक) एवं अभौतिक(आध्यात्मिक) सुखों को प्रदान करने वाला व्रत है उत्पन्ना । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के जीवन मे भौतिक एवं अभौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए सद्कर्मो, सदविचारों, धर्म क