Hindi Newsधर्म न्यूज़Mokshada Ekadashi 2022 Date: On the day of fasting Dwadashi will end before sunrise know the time to open the fast

मोक्षदा एकादशी 2022 आज: व्रत पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले हो जाएगी समाप्त, जानें व्रत खोलने का समय

Mokshada Ekadashi 2022 Kab Hai: मोक्षदा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली कहा गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यताएं हैं।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 3 Dec 2022 06:16 AM
share Share

Mokshada Ekadashi 2023 Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत शुभ फलदायी माना गया है। हर माह में 2 बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। मोक्षदा एकादशी का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी। इस एकादशी का उपवास करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों को स्वर्ग तक पहुंचने में मदद मिलती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अजुर्न को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है। इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। जानें मोक्षदा एकादशी तिथि कब से कब तक, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि-

मोक्षदा एकादशी कब से कब तक-

एकादशी तिथि प्रारम्भ - दिसम्बर 03, 2022 को 05:39 ए एम बजे।
एकादशी तिथि समाप्त - दिसम्बर 04, 2022 को 05:34 ए एम बजे।

मोक्षदा एकादशी व्रत पारण का समय-

4 दिसंबर को पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 01:14 पी एम से 03:19 पी एम तक रहेगा। 5 दिसंबर को वैष्णव एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समय 06:59 ए एम से 09:04 ए एम तक रहेगा।

मोक्षदा एकादशी शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 05:09 ए एम से 06:04 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:36 ए एम से 06:58 ए एम
अभिजित मुहूर्त-11:50 ए एम से 12:32 पी एम
विजय मुहूर्त- 01:55 पी एम से 02:37 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:21 पी एम से 05:48 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:24 पी एम से 06:45 पी एम

एकादशी व्रत पारण को लेकर नियम-

अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें