आजसू के साथ NDA की भी लुटिया डुबो गए जयराम महतो, खुद जीते लेकिन 70 सीटों पर हारी पार्टी
- झारखंड विधानसभा चुनाव से महज दो माह पहले चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड हुई पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का खेल इस विधानसभा चुनाव में बेशक बना नहीं, लेकिन उसने एनडीए का खेल जरूर खराब कर दिया।
झारखंड विधानसभा चुनाव से महज दो माह पहले चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड हुई पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का खेल इस विधानसभा चुनाव में बेशक बना नहीं, लेकिन उसने एनडीए का खेल जरूर खराब कर दिया। राज्य में कुर्मी समाज की लगभग 15 फीसदी आबादी को लक्ष्य करते हुए जेएलकेएम सुप्रीमो जयराम महतो चुनाव में उतरे थे। लेकिन इस चुनाव में उन्होंने न सिर्फ कुर्मी समाज के स्थापित नेता आजसू प्रमुख सुदेश महतो और आजसू पार्टी की, बल्कि एनडीए की लुटिया भी डुबो दी है।
70 सीटों पर हारी जयराम की पार्टी
बीते लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले जयराम महतो ने विधानसभा चुनाव में राज्य की 81 में से 71 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे। इन 71 में से वह खुद की एक सीट ही जीत सके हैं। जयराम महतो खुद बेरमो और डुमरी से चुनाव मैदान में थे। जिनमें से उन्होंने डुमरी सीट पर जीत दर्ज की है और बेरमो सीट पर वह दूसरे नंबर पर रहे। जेएलकेएम को 70 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।
कैसे बिगाड़ा खेल
राज्य में जिन 34 सीटों पर जेएमएम की जीत हुई है, उनमें से 15 सीटों पर जेएलकेएम ने तीसरा स्थान लाकर एनडीए को चोट दी है। वहीं, कांग्रेस की जीत वाली 16 में से छह सीट एवं सीपीआईएमएल की जीत वाली दो में से दो सीटों पर जेएलकेएम ने एनडीए को झटका दिया है। एनडीए की जीत वाली 24 सीटों में से भी 09 सीटों पर जेएलकेएम के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे हैं।
एनडीए को 24 सीटों पर जेएलकेएम का झटका
इस चुनाव में इंडिया को 56 सीटों पर जीत मिली है। जिनमें से 24 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे। उन सभी 24 सीटों पर जेएलकेएम के उम्मीदवारों (कैंची छाप) ने तीसरा स्थान पाया है। जबकि, दो सीटों पर जेएलकेएम के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण आजसू प्रमुख सुदेश महतो को सिल्ली में 23867 मतों से हार का सामना करना पड़ा, जबकि वहां जेएलकेएम प्रत्याशी देवेंद्रनाथ महतो को 41725 मत प्राप्त हुए हैं।