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जस्टिस यशवंत वर्मा का स्टोर रूम 12 दिन बाद पुलिस ने किया सील, सीसीटीवी फुटेज भी ले गई

  • दो घंटे तक पड़ताल के बाद टीम लौटी तो जाते हुए कमरे को भी सील कर गई। इससे पहले उस स्टोररूम की वीडियोग्राफी भी हुई, जहां बड़े पैमाने पर कैश मिला था। 14 मार्च को रात में 11:15 पर आग लगने की सूचना फायर विभाग को मिली थी। मौके पर फायर विभाग पहुंचा तो वहां कमरे में कुछ बोरों में नोट भरे हुए मिले।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 27 March 2025 09:49 AM
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जस्टिस यशवंत वर्मा का स्टोर रूम 12 दिन बाद पुलिस ने किया सील, सीसीटीवी फुटेज भी ले गई

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर बड़े पैमाने पर कैश बरामद होने के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच 12 दिन बाद आगे बढ़ी है। बुधवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पहुंची और उस स्टोर रूम को सील किया, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वहां नोटों के भरे कई बोरे मिले थे, जिनमें आग लगी थी। यह वाकया उस समय सामने आया था, जब जस्टिस वर्मा के घर के एक हिस्से में आग लग गई थी। फायर कंट्रोल रूम को फोन किया गया तो मौके पर टीम पहुंची और उसने नोटों से भरे बोरे पाए, जिनमें से कुछ नोटों के जलने की बात कही जा रही है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कुछ वीडियो और फोटो हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजे हैं।

इस बीच पुलिस ने जांच 12 दिनों के बाद आगे बढ़ाई है। उनके यहां स्टोर रूम को सील किया गया है तो वहीं अग्निकांड वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस लेकर गई है। दरअसल जज का कहना है कि स्टोर रूम उनके घर के मुख्य परिसर का हिस्सा नहीं है और बाहर स्थित है। ऐसे में यदि वहां कुछ मिला है तो जरूरी नहीं है कि उससे उनका ही संबंध हो। जस्टिस वर्मा की ओर से ऐसी दलील दिए जाने के बाद सत्यता की जांच करने के लिए भी पुलिस सीसीटीवी फुटेज को अहम मान रही है। इस मामले की पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की ओर से अलग-अलग जांच की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि फुटेज की अब तक जो जांच हुई है, उसमें किसी अवैध एंट्री की जानकारी नहीं मिली है।

सूत्रों ने बताया कि जो भी कैमरे हैं, वे मेन गेट को फोकस करके नहीं लगे हैं। ऐसे में यह रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा है कि किसकी कब एंट्री हुई और कब एग्जिट हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित जांच आयोग ने भी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। उसके आधार पर ही पुलिस ने 40 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की है। इस मामले की जांच के लिए अडिशनल सीपी लेवल के दो अधिकारियों को जिम्मेदारी मिली है। बुधवार को डीसीपी देवेश महला और एसीपी वीरेंद्र जैन मौके पर पहुंचे। उनके साथ एक कैमरा टीम भी थी।

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दो घंटे तक पड़ताल के बाद टीम लौटी तो जाते हुए कमरे को भी सील कर गई। इससे पहले उस स्टोररूम की वीडियोग्राफी भी हुई, जहां बड़े पैमाने पर कैश मिलने का दावा हो रहा है। बता दें कि होली के दिन 14 मार्च को रात में 11:15 पर आग लगने की सूचना फायर विभाग को मिली थी। मौके पर फायर विभाग पहुंचा तो वहां कमरे में कुछ बोरों में नोट भरे हुए मिले। इनमें से कुछ नोट अधजली अवस्था में थे।

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