भारत की सख्त चेतावनी और सिंधु जल संधि पर उठाए गए कदम के बाद पाकिस्तान की हालत पतली हो गई है। अब वही मुल्क विश्व बैंक से रहम की भीख मांगने की तैयारी में है।
जॉर्डन के गृह मंत्रालय ने मुस्लिम ब्रदरहुड पर पाबंदी का फैसला लिया है। इसी संगठन को हमास बनाने का जिम्मेदार माना जाता है। मिस्र से शुरू हुआ यह संगठन दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। मुसलमानों को एकजुट रखने को अपना एजेंडा बताने वाले मुस्लिम ब्रदरहुड को बीते दशक में आंदोलन की भी वजह माना जाता है।
पाकिस्तान के ही प्रोफेसर इश्तियाक अहमद ने उसकी पोल खोली है और खूब लताड़ा है। उन्होंने कहा कि आखिर यह कैसा संयोग है कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ नफऱत का इजहार किया और फिर इस तरह का हमला हो गया, जिसमें बेगुनाह लोग मारे गए।
नायब सिंह सैनी से बातचीत करते हुए विनय की बहन ने आपा खो दिया। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘कोई नहीं आया डेढ़ घंटा तक। वहां कोई भी नहीं आया, वह जिंदा था और कोई आता तो वह बच सकता था। वहां आर्मी होती तो वह बच सकता था। इसके आगे वह रोते-चिल्लाते हुए कहती हैं कि मुझे वह मरा हुआ चाहिए, जिसने मेरे भाई को मारा।'
अमेरिका की CIA का एक डॉक्युमेंट चर्चा में है। यह 1993 की सीक्रेट रिपोर्ट थी, जिसे अब जारी किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सेना से जुड़े लोग मानते हैं कि यदि भारत से एक और बड़ी जंग हुई तो उनकी आर्मी तबाह हो जाएगी। इसमें पाकिस्तान की ओर से आतंकी हमले की आशंका भी जताई गई थी।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया है। दुश्मन देश का भारत में दूतावास बंद किया जाएगा। इसके अलावा सिंधु जल समझौते को भी खत्म करने का ऐलान हुआ है। सभी पाकिस्तानियों का वीजा रद्द किया गया है और फिलहाल मौजूद लोगों को भारत छोड़ना होगा। राजनयिकों को भी 48 घंटों के अंदर देश छोड़कर निकलना होगा।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘कश्मीर में ऐसी घटनाओं की निंदा किया जाना दुर्लभ बात थी। ऐसा शायद इसलिए होता था क्योंकि कश्मीर के लोगों को उग्रवादियों का डर होता था कि यदि उनके खिलाफ बोले तो जान खतरे में आ जाएगी। लेकिन ऐसा पहली बार मैं देख रहा हूं कि आतंकी हमले से पूरे कश्मीर में लोग सदमे और शोक में है।’
ऐशान्या ने रोते हुए बताया, ‘हम घोड़ों से उतरे ही थे और गेट की तरफ पैदल जा रहे थे। शुभम अपनी बहन सांभवी के साथ बैठे थे। इसी दौरान एक शख्स आया और उसने पूछा- हिंदू हो या मुसलमान? हम लोगों में से कोई भी नहीं समझ पाया कि वह क्या कहना चाहता है। हमें लगा कि शायद मजाक कर रहा है। फिर बताते ही गोली मार दी।’
सूत्रों का कहना है कि इस हमले में एक ही आईबी अधिकारी का उनके परिवार के आगे कत्ल हुआ है और बाकी सभी लोग सामान्य नागरिक थे। ऐसे में यदि मीडिया और सोशल मीडिया पर ऐसा प्रचार हुआ कि आईबी अधिकारियों को टारगेट करके हमला हुआ है तो आतंकियों को ही मदद मिलेगी।
असवरी ने कहा कि आतंकवादियों ने पहलगाम में मौजूद लोगों का धर्म पूछा और फिर मार डाला। पुणे की एक कंपनी में ही एचआर प्रोफेशनल के तौर पर काम करने वाली असवरी का कहना है कि उनके पिता संतोष जगदले और अंकल कौस्तुभ की तब हत्या कर दी गई, जब वे मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले पहलगाम में थे।